
नैमिष टुडे
संवाददाता
सीतापुर। नैमिषारण्य तीर्थ का फाल्गुन मास महादानी महर्षि दधीचि द्वारा सतयुग में अस्थिदान से पूर्व सभी तीर्थों के दर्शन पूजन एवं 84 कोशी परिक्रमा किया था तभी से फाल्गुन मास में नैमिष तीर्थ का महत्व अधिक बढ़ जाता है और यह वही अति पुनीत धरा है जहां पर स्वयंभु मनु-सतरुपा ने 23 हजार घोर तप करके परब्रह्म परमेश्वर के साकार रूप में दर्शन करने उन्हें पुत्र के रूप में अवतरित होने का बरदान प्राप्त किया था। उस नैमिषारण्य तीर्थ की पावन भूमि पर स्वामी विद्यानन्द जी के सानिध्य में सुश्री मुमुक्षा दीदी व बृजेश अवस्थी के संयोजन में आज 12 मार्च से 18 मार्च 2024 तक श्रीमद्भागवत कथा, विष्णु महायज्ञ, विराट सन्त सम्मेलन एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है । इस आयोजन में महामण्डलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी रविन्द्र पुरी जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज , महामण्डलेश्वर स्वामी सर्वेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज, व ईश्वरदास ब्रह्मचारी जी महाराज पधार रहे हैं । इस सन्त सम्मेलन में श्रीमद्भागवत कथा व्यास आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज बीकानेर राजस्थान मुख्य रूप से उपस्थित होंगे । इस कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शशिकांत शुक्ला ने बताया कि यह कार्यक्रम श्री बांके रमण बिहारी चारधाम मन्दिर नैमिषारण्य में आयोजित होगा उन्होनें सभी धर्मावलंबियों से अधिक अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है ।