
रामसनेही घाट नगर पंचायत –
चुनाव घोषणा न होने के बावजूद प्रथम चेयरमैन बनने की कवायद जोर पकड़ने लगी
अध्यक्ष बनने की दौड़ में पूर्व प्रधान एवं विभिन्न वर्गों के लोग शामिल
शुरू हो गया घर घर जनसंपर्क अभियान, बिछने लगी चुनावी गोटें
भोलानाथ मिश्र/ पीयूष मिश्र
रामसनेही घाट बाराबंकी।नगर निकायों के चुनावों की भले ही अभी अधिकृत घोषणा न हुई हो लेकिन नवगठित नगर पंचायत का प्रथम चेयरमैन बनने की कवायद धीरे धीरे जोर पकड़ने लगी है और गली कूचों में होर्डिंग लगाकर मतदाताओं को नाग पंचमी स्वाधीनता दिवस रक्षाबंधन की बधाई शुभकामनाए ही नहीं बल्कि मतदाताओं की गणेश परिक्रमा भी तेज हो गई है। पूर्व प्रधान एवं विभिन्न वर्गों के लोग चेयरमैन पद की रेस में शामिल होने के लिए मैदान में ताल ठोकने लगे हैं।
बताते चलें कि रामसनेहीघाट को नगर पंचायत बनने की मांग आजादी के बाद से ही हो रही थी लेकिन राजनैतिक इच्छाशक्ति के अभाव में संभव नहीं हो पा रहा था।योगी सरकार में प्रेस क्लब की लिखित पहल एवं विधायकों एवं भाजपा जिलाध्यक्ष की संस्तुति के बाद लोगों का दशकों पुराना सपना साकार हो सका है जिससे रामसनेहीघाट को अपनी पहचान मिल गई है।सभी जानते हैं कि अबतक रामसनेही घाट नाम से कोई गांव बाजार कस्बा नहीं था और सिर्फ सरकारी कार्यालय एवं बाबा की समाधि मात्र थी, कोई नगर अथवा गांव नहीं था। दशकों की जद्दोजहद के बाद रामसनेही घाट को पिछले साल नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है और उसमें तहसील मुख्यालय समेत आसपास की पांच ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। नवसृजित नगर पंचायत की आबादी करीब 22 हजार तथा मतदाताओं की तादाद चौदह हजार से अधिक है।नगर पंचायत करीब डेढ़ किमी की परिधि में फैली हुई है और इसकी पूर्वी सीमा अयोध्या जिले से सटी हुई है।नगर पंचायत के गठन के साथ ही ग्राम पंचायतें भंग हो गई हैं और उनके प्रधान फुटपाथ पर आकर नगर पंचायत अध्यक्ष बनने की जुगत में लग गए हैं। निर्वतमान प्रधानों के साथ अन्य लोग भी चेयरमैन बनने का दिवास्वप्न देखने में जुट गए हैं। अधिकांश भावी चेयरमैन पद के आकांक्षी सत्ताधारी भाजपा का प्रत्याशी बनने के लिए क्षेत्रीय विधायक एवं राज्यमंत्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व पार्टी पदाधिकारियों नेताओं की गणेश परिक्रमा लगाने में रात दिन लगे हैं।
नगर पंचायत अध्यक्ष बनने की दौड़ में बनीकोडर के पूर्व दो प्रधानों के साथ ब्लाक टाप प्रधान भी मतदाताओं के बीच हाजिरी दे रहे हैं।यह तीनों पूर्व प्रधान अपने को सुपरटाप होने का दावा कर रहे हैं तो प्रधान पद के प्रत्याशी रह चुके एक बजरंगदल से जुड़े भाजपाई भी नगर प्रमुख बनने के लिए मतदाताओं एवं नेताओं को रिझाने में ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इतना ही नहीं जिला पंचायत सदस्य परिवार से जुड़े मंत्री के करीबी जहां अध्यक्ष पद के दावेदार हैं तो जनसंघ भाजपा विश्व हिन्दू परिषद एवं पूर्व प्रधान परिवार से जुड़े एक नवयुवक भी अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं तो एक और मंत्री करीबी ईंट भट्टा व्यवसाई भी मतदाताओं के मध्य कदम ताल करने लगे हैं। इतना ही नहीं अध्यक्ष पद पर आसीन होने के लिए सपा समर्थित एक प्रधान प्रत्याशी रह चुके अगर मैदान में हैं तो एक पूर्व बीडीसी भी अपनी दावेदारी ठोकने लगे हैं। इतना ही नहीं चेयरमैन पद की मलाई का स्वाद चखने के उद्देश्य से एक महिला भी मैदान में भाजपाई होर्डिंग के साथ आ गई है। चुनाव की घोषणा अभी भले ही न हुई हो लेकिन नगर पंचायत गठन होने के बाद से ही सघन जनसंपर्क शुरू हो गया है और रक्षाबंधन स्वाधीनता दिवस श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आड़ में मतदाताओं के बीच हाजिरी लगाने के लिए बधाई शुभकामनाए देने का दौर शुरू हो गया है।