नीतीश से दो बार मिले तेजस्वी, तो बोले बीजेपी नेता, RJD के इशारे पर नहीं चलेगी सरकार

बिहार की सियासी फिजा में जारी जातीय जनगणना को लेकर बुधवार को हुई नीतीश-तेजस्वी मुलाकात का साइड इफेक्ट दिखने लगा है. अभी मुलाकात के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुए कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह का ऐसा बयान आया है, जो बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गरम कर देने के लिए काफी है.

जी हां, ये अनुमान लगाया जा रहा था कि जातीय जनगणना पर नीतीश-तेजस्वी मुलाकात के मायने जरूर सामने आएंगे. मायने अभी दूर की बात हैं, लेकिन बीजेपी की ओर से तल्ख टिपप्णी जरूर आ गई है. बिहार सरकार में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने स्पष्ट किया है कि बिहार में जातीय जनगणना की जरूरत ही नहीं है.

कृषि मंत्री ने साफ कहा कि जातीय जनगणना ऐसा कोई विषय नहीं है, जिसके बिना बिहार डूब रहा हो. धरती हिल रही हो. कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जातीय जनगणना फिलहाल नहीं की जा सकती है. राज्यों को यह अधिकार है कि वह जातीय जनगणना कराएं. बिहार में भी यदि इसकी जरूरत है तो सरकार करा सकती है. लेकिन जातीय जनगणना से होने वाली कठिनाइयों को भी समझना पड़ेगा. लगे हाथों कृषि मंत्री ने नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के उंगली के इशारे पर राज्य सरकार नहीं चलेगी.

अमरेंद्र प्रताप सिंह को जब ये एहसास हो गया कि उन्होंने बड़ी बात कह दी है. तो उन्होंने बात को संभालते हुए कहा कि इन सभी घटनाओं का राजनीतिक अर्थ नहीं है. विपक्ष के नेता को नीतीश कुमार ने यदि समय दिया है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. अपने बयान को करेक्ट करते हुए उन्होने कहा कि नीतीश कुमार ने यदि तेजस्वी यादव से मुलाकात की तो इसमें कोई बुराई नहीं है .तेजस्वी यादव ने समय मांगा था जिस पर उन्होंने मुलाकात की है. अपनी जुबान से निकले तीखे राजनीतिक बयान को संभालते हुए अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि जातीय जनगणना पर कुछ निर्णय लेना होगा तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी से सलाह और विमर्श करके ही लेंगे. सभी दलों के साथ-साथ बीजेपी से भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंत्रणा जरूर करेंगे .

उधर, अमरेंद्र के बयान के तुरंत बाद जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि तेजस्वी यादव नीतीश कुमार से मिल रहे हैं, इसमें किसी को क्यों आश्चर्य हो रहा है. इसमें चौंकने की क्या जरूरत है. जातीय जनगणना की मांग जदयू की पुरानी मांग है. नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है . इसमें अब कोई नई बात नहीं है. हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमरेंद्र प्रताप के बयान के बाद बिहार में सियासी भूचाल मचना तय है. नीतीश कुमार एक महीने के भीतर तेजस्वी से दो बार मिल चुके हैं. दोनों पार्टियों की राय जातीय जनगणना को लेकर एक है और इस मुलाकात के बाद उठे राजनीतिक तूफान में जदयू और बीजेपी को नुकसान हो सकता है.

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