उटंगन ने निगलीं 12 जिंदगियां, सेना की टीम भी सात लोगों को नहीं ढूंढ सकी, पूरे गांव में मातम

उटंगन ने निगलीं 12 जिंदगियां, सेना की टीम भी सात लोगों को नहीं ढूंढ सकी, पूरे गांव में मातम

 

 

 

विष्णु सिकरवार

आगरा। थाना खेरागढ क्षेत्र के कुशियापुर गांव में पिछले 24 घंटे से चूल्हे नहीं जल रहे। बीते कल गुरुवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गांव के जो 13 लोग नदी की गहराइयों में समा गये थे, जिनमें से एक अस्पताल में भर्ती हैं जिसका इलाज चल रहा है। पांच के शव मिल गए हैं। लेकिन उनमें से सात का शुक्रवार रात आठ बजे तक पता नहीं चल सका था। एनडीआएफ के साथ ही आर्मी की टीम भी रातभर और पूरे दिन बचाव कार्य में जुटी रही, लेकिन सातों में से किसी का पता नहीं चल सका। गांव के लोग बहुत आक्रोशित हैं। शुक्रवार को ही कई बार जाम लगाकर विरोध जताया।

 

 

 

-प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने गांव में पहुंचकर बचाव कार्यों का जायजा लिया, राजू भैया पीड़ितों से मिले

-सांसद चाहर, विधायक कुशवाह और भाजपा जिलाध्यक्ष पौनिया सुबह से ही गांव में कैंप किए हुए हैं

 

यह गांव राजस्थान की सीमा पर है, इसलिए पीड़ित परिवारों की रिश्तेदारियां राजस्थान के गांवों में भी हैं। बहुत बड़ी संख्या में राजस्थान के लोग भी नदी किनारे डेरा डाले हुए हैं। उन परिवारों का हाल बेहाल है, जिन्होंने अपनों को इस हादसे में खोया है। आगरा के प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने भी आज आगरा पहुंचकर मौका मुआयना किया और बचाव कार्यों की जानकारी ली।

उधर क्षेत्रीय सांसद राज कुमार चाहर, विधायक भगवान सिंह कुशवाह और भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया आज सुबह से ही गांव में ही कैंप किए हुए हैं। एटा के पूर्व सांसद राजवीर सिंह (राजू भैया) ने भी आज खुशियापुर गांव में पहुंचकर पीड़ित परिवारों को ढाढस बंधाया।

ज्ञातव्य है कि विगत दिवस दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गांव के 13 लोग उटंगन नदी में डूब गये थे। इससे गांव में हाहाकार मच गया था। प्रारंभ में इलाका पुलिस ने गोताखोरों की मदद से बचाव कार्य शुरू कराया। बाद में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर पहुंचकर सर्च अभियान में जुट चुकी थीं।

जो 13 लोग उटंगन नदी में डूबे थे, उनमें से एक को तो बचा लिया गया था जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। तीन लोगों के शव गुरुवार रात ही बरामद कर लिये गये थे जबकि दो शव शुक्रवार को दोपहर तक बरामद किये जा चुके थे। रात आठ बजे तक दोपहर के बाद एक भी शव बरामद नहीं हो सका था। अभी भी नदी में डूबे सात लोगों की तलाश चल रही है।

मौके पर मौजूद ग्रामीणों का आज सुबह धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने जाम लगाकर उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन लोगों की मांग थी कि सर्च ऒपरेशन में सेना को जुटाया जाए। इसके बाद सांसद चाहर ने पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी से वार्ता कर आर्मी के गोताखोरों को बुलवाया। सेना की टीम के साथ ही एनडीआरएफ की टीम पूरे दिन लगी रही, लेकिन सुबह मिले तो शवों के बाद अन्य किसी के बारे में कोई पता नहीं चल सका था।

न केवल खुशियापुरा, अपितु आसपास के यूपी और राजस्थान के गांवों में भी इस हादसे को लेकर मातम पसरा हुआ है। हजारों की संख्या में लोग मौके पर डटे हुए हैं। रात आठ बजे भी सर्च ऒपरेशन चल रहा था, लेकिन कोई शव बरामद न होने से पीड़ित परिवारों की उम्मीदें टूटती जा रही थीं।

वहीं अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह,एडीएम शिवांगी शुक्ला, पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार शर्मा,एसीपी सुकन्या शर्मा, एसडीएम खेरागढ़ ऋषि राव, तहसीलदार सतेंद्र सिकरवार,आदि अधिकारी घटना के बाद से ही मौके पर कैंपिंग कर मोर्चा संभाले हुए हैं।

जिलाधिकारी अरविंद मालप्पा बंगारी, पुलिस आयुक्त दीपक कुमार, सुबह से ही घटना स्थल पर सर्च ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं।

घटना के बाद से ही क्षेत्र के राजनैतिक पार्टियों के लोगों का तांता लगा हुआ है जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया, भाजपा नेता दिगम्बर सिंह धाकरे, चेयरमैन सुधीर गर्ग, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार, जिला उपाध्यक्ष भाजपा मेघराज सोलंकी, मण्डल अध्यक्ष कपिल जिंदल,मोहन गोयल, राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामनाथ सिकरवार,छत्तरपाल सिंह प्रधान,मनोज प्रधान शिवम सिकरवार आदि मौजूद रहे।

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