
लखनऊ , राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उत्तर प्रदेश की प्रतिनिधि सभा में डॉ. संतोष कुमार शुक्ल को मिला दोहरा दायित्व
मुख्य संवर्ग के मंत्री एवं माध्यमिक संवर्ग के प्रदेश महामंत्री के रूप में हुआ मनोनयन
लखनऊ | 13 जुलाई 2025
लखनऊ के प्रतिष्ठित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, सेक्टर-क्यू, अलीगंज में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उत्तर प्रदेश की प्रतिनिधि सभा/साधारण सभा की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में संगठन के मुख्य संवर्ग के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय मेधावी द्वारा कार्यकारिणी विस्तार की घोषणा की गई, जिसके अंतर्गत डॉ. संतोष कुमार शुक्ल को दोहरे पदों पर दायित्व प्रदान किया गया — उन्हें मुख्य संवर्ग के मंत्री तथा साथ ही माध्यमिक संवर्ग के प्रदेश महामंत्री के रूप में मनोनीत किया गया।
डॉ. शुक्ल पहले से ही माध्यमिक संवर्ग में प्रदेश मंत्री के पद पर सक्रिय थे, जहाँ उन्होंने संगठन के प्रति अपनी निष्ठा, कर्मठता और विचारशील नेतृत्व क्षमता का प्रभावी परिचय दिया। उनके इस निरंतर सक्रिय योगदान और संगठनात्मक निपुणता को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
वर्तमान में डॉ. शुक्ल प्रयागराज के एक प्रतिष्ठित इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। वर्ष 2024 में उनका स्थानांतरण औरैया से प्रयागराज हुआ था, और तब से वे प्रयागराज को ही कार्यस्थली के रूप में सेवा दे रहे हैं।
संगठनात्मक यात्रा और शिक्षण अनुभव
डॉ. संतोष कुमार शुक्ल की शैक्षिक यात्रा की शुरुआत जनपद प्रतापगढ़ के प्रसिद्ध के.पी. इंटर कॉलेज में हुई, जहाँ उन्होंने अंग्रेजी प्रवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला। प्रतापगढ़ में कार्यरत रहते हुए उन्होंने संगठन के विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण दायित्व निभाए, जिनमें माध्यमिक संवर्ग के जिलाध्यक्ष, प्रयागराज मंडल अध्यक्ष, और फिर प्रदेश मंत्री (माध्यमिक संवर्ग) जैसे पद सम्मिलित हैं।
उनकी कार्यशैली, नेतृत्व क्षमता, तथा संगठन के प्रति पूर्ण समर्पण और उत्तरदायित्व-बोध के कारण ही वे निरंतर उन्नति की राह पर अग्रसर होते रहे हैं।
शैक्षिक विद्वत्ता और साहित्यिक योगदान
डॉ. शुक्ल न केवल एक प्रखर प्रशासक हैं, बल्कि एक कुशल शिक्षाविद एवं अंग्रेजी साहित्य के विद्वान भी हैं। उनकी अब तक छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो शैक्षिक क्षेत्र में उनके बौद्धिक योगदान को दर्शाती हैं। अध्यापन के प्रति उनकी गहराई और समर्पण ने उन्हें एक आदर्श शिक्षक के रूप में स्थापित किया है।
मूल निवास और प्रेरणा
डॉ. शुक्ल मूल रूप से जनपद प्रतापगढ़ के निवासी हैं। उनका यह नवीन मनोनयन न केवल उनके लिए व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह उनके संगठनात्मक योगदान, नेतृत्व क्षमता और शैक्षिक प्रतिबद्धता का सार्वजनिक सम्मान भी है।
यह नियुक्ति निश्चय ही न केवल राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के लिए एक सशक्त निर्णय है, बल्कि प्रदेश के शैक्षिक परिवेश के सुदृढ़ीकरण की दिशा में भी एक प्रेरणादायक कदम मानी जा रही है।