आगरा , राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.बबीता सिंह चौहान ने की मांग,छांगुर बाबा को मौत की सजा दी जाए

आगरा , राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ.बबीता सिंह चौहान ने की मांग,छांगुर बाबा को मौत की सजा दी जाए

धर्मांतरण के लिए लड़कियों की ’रेट लिस्ट’ बनाने वाले जमालुद्दीन पर जताई सख्त नाराजगी

हमारी बेटियां जबरन धर्म परिवर्तन की जहरीली विचारधारा का परीक्षण करने की प्रयोगशाला नहीं- मा0 अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग

विष्णु सिकरवार

आगरा। मंगलवार को उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बबीता चौहान ने अपने निवास पर पत्रकार वार्ता में जमालुद्दीन के कृत्यों की निंदा करते हुए इसे सुनियोजित साजिश बताया और कहा कि हमारी बेटियां जबरन धर्म परिवर्तन की जहरीली विचारधारा का परीक्षण करने की प्रयोगशाला नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने धर्म परिवर्तन गिरोह के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के लिए मौत की सजा की मांग की है। जमालुद्दीन को हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार किया है, अधिकारियों ने बताया कि जमालुद्दीन पर कई समुदायों की लड़कियों को निशाना बनाने और धर्म परिवर्तन के लिए ’रेट लिस्ट’ बनाने का आरोप है। इस चौंकाने वाले खुलासे से पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया है।

उ0प्र0 राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती बबीता चौहान ने प्रेस वार्ता में बच्चियों के गायब होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के केस बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं, पता नहीं चलता की खोल ओढ कर ऐसे भेड़िये इन्सान के रूप में कहां बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बहुत बड़ी कामयाबी जायेंगे, उन्होंने कहा कि इसका सौ करोड़ का ट्रान्जेक्शन मिला है और चालीस देशों में इसके कान्टैक्ट मिले हैं, जो कि चालीस देशों में इस तरह के लोग काम कर रहे हैं। इनका बहुत बड़ा नेटवर्क है, उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मा0 प्रधानमंत्री के नेतृत्व में और उ0प्र0 में मा0 मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ऐसे गुर्गे, जितने भी इनके द्वारा जाल बिछा हुआ था, ये सब जल्दी की कानून के सिकंजे में होंगे। उन्हांने बताया कि इनके गुर्गे में जो लड़के काम कर रहे हैं वे हिन्दुओं के नाम रखते हैं, हाथों में कलावा पहनते हैं, जो बच्चियों को गुमराह करते हैं, उन्होंने बताया कि 14-15 साल उम्र की बहुत ज्यादा तादात में बच्चियां हैं, जिन्हें गुमराह करके पैसे देकर धर्मान्तरण किया जा रहा है। ऐसे लोग समाज में गन्दगी फलाने का काम कर रहे हैं, जैसे ब्राम्हण, क्षत्रीय की बच्चियां हैं, उनको 14-14 लाख व 15-15 लाख रूपये दे रहें हैं और दलित समाज की बच्चियां हैं उनको 10-10 लाख से 12-12 लाख रूपये दे रहे हैं। उन्होंने मीडिया के माध्यम से ऐसे बच्चियों के अभिभावकों को जागरूक करते हुए कहा कि वे अपने बच्चियों का ध्यान रखें कि वे कहां जा रही हैं, क्या कर रहीं हैं, उनके रहन सहन, पहनावे में यदि बदलाव दिख रहा है तो अभिभावक जरूर पता करें की बच्चे के पास इतनी सारी सुविधायें कहां से आ रही हैं इस पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए चाहे जो भी कदम उठाना पड़े उठाया जायेगा, इसके लिए महिला आयोग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है।

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