
सुप्रसिद्ध शायर नाज़िश प्रतापगढ़ी की 41वीं पुण्यतिथि पर हुआ सेमिनार
माताए नाज़िश भाग – 2 ग्रंथावली का हुआ लोकार्पण
राष्ट्रपति सम्मान से नवाजे गए, प्रसिद्ध शायर/कवि , नाजिश प्रतापगढ़ी की 41 पुण्यतिथि 10 अप्रैल 2025 की शाम उनकी याद में एक सेमिनार और उनकी किताब *(नाजिश ग्रंथावली भाग 2, नवीन संस्करण*), का लोकार्पण कार्यक्रम होटल स्नेह के सभागार में आयोजित हुआ, जिसमें नामचीन कवि, साहित्यकार,शायर और दार्शनिक उपस्थित रहे।……..*।****मुख्य अतिथि रहे लोकेश शुक्ला, पूर्व निदेशक आकाशवाणी प्रयागराज* l
*अति विशिष्ट अतिथि रहे डी आर यादव, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी एवं परियोजना निदेशक प्रतापगढ। गेस्ट ऑफ़ ऑनर्स* रहे , ओम प्रकाश त्रिपाठी, डॉ. विंध्याचल सिंह, अब्दुल्ला सलमान, डॉ. रहीमी, अरविंद श्रीवास्तव l
प्रोग्राम के अध्यक्ष रहे वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व बाल न्यायाधीश डॉ .दयाराम मौर्य ‘रत्न’ रहे।
प्रोग्राम के आयोजक रहे, डॉक्टर मोहम्मद अनीस, वाइस प्रिंसिपल, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज प्रतापगढ़।
कार्यक्रम का संचालन रहबर प्रतापगढ़ी ने किया।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि द्वारा शमा रोशन कर के किया गयाl कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत डॉ मोहम्मद अनीस द्वारा किया l
सेमिनार में नाजिश प्रतापगढ़ी की राष्ट्रभक्ति की रचनाओं पर अपने विचार रखें, और उन्हें एक देशभक्ति, राष्ट्र प्रेमी शायर बताया और कहां की आपकी रचनाएं आज भी समाज को आपसे मिल मिल एवं भाईचारे का संदेश देती है l कार्यक्रम में नाजिश प्रतापगढ़ी की उर्दू में लिखी किताब का देवनागरी लिपि में परिवर्तन करके* नाजिश ग्रंथावली भाग 2 नया संस्करण* का लोकार्पण भी किया गया l इस किताब में उन्होंने राष्ट्र प्रेम को जगाने के लिए विभिन्न प्रकार की रचनाएं लिखीं और साथ ही साथ भारत के महान व्यक्तित्व पर भी अपनी रचनाएं समर्पित की l
मुख्य अतिथि लोकेश शुक्ल महोदय ने इस अवसर पर कहा कि कौमी एकता के प्रतीक, जनपद प्रतापगढ़ के गौरव और राष्ट्रपति सम्मान से नवाजे गए कवि एवं शायर नाजिश प्रतापगढ़ी प्रसिद्ध शायर थे । उनकी कालजई और देशभक्ति की रचनाएं आज भी जनमानस के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी रचनाओं से समाज में आपसी भाईचारा मेल मिलाप को बढ़ावा मिलती है
नाजिश प्रतापगढ़ी ने भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण इतिहास के चरित्रों का सुंदर चित्रण किया।
अति विशिष्ट अतिथि महोदय ने कहा कि नाज़िश प्रतापगढ़ी ने अपने गीतों, गजनो और कविताओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतापगढ़ जिले का नाम पूरे भारत में रोशन किया और अपनी पूरी संपूर्ण काव्य यात्रा राष्ट्रीय एकता, और अखंडता को बढ़ाने के लिए समर्पित कर दी।
प्रोग्राम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार एवं बाल न्यायाधीश डॉ. दयाराम मौर्य ‘रत्न’ ने कहा कि वर्तमान समय में नाजिश प्रतापगढ़ी का परिवार प्रतापगढ़ जनपद का एक सम्मानित एवं प्रतिष्ठित परिवार है।
नाजिश प्रतापगढ़ी हमेशा इंसानियत और समाज के लिए वह रहनुमा उसूल बनाते रहे जिस पर चलकर इंसानियत अपनी मंजिल को पा सकेl
आपके अधूरे सपने को पूरा करने और उर्दू अदब और साहित्य में आपका नाम रोशन करने के लिए आपके कवि और शायर पुत्र डॉ. मोहम्मद अनीस जो कि वर्तमान में उप प्रधानाचार्य राजकीय बालिका इंटर कॉलेज प्रतापगढ़ में कार्यरत है आपके पद चिन्ह हो पर चलते हुए आपकी मूल्यवान साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं l
कार्यक्रम की आयोजk डॉक्टर मोहम्मद अनीस ने अपने पिताजी की प्रसिद्ध शेर को पढ़ा की**यह चिता भी ना जाला पाएगी सपने मेरे, मैं तो चंदन हूं ,जलूंगा तो महक जाऊंगा**l
कार्यक्रम का संचालन रहबर प्रतापगढ़ी साहब ने किया।
सेमिनार प्रमुख कवि शायर और साहित्यकार और वक्ता रहे, आनन्द मोहन ओझा, डॉक्टर विंध्याचल सिंह, अरविंद श्रीवास्तव, डॉ पीयूष कांत शर्मा , मोहम्मद अतीक ,डॉ अजमत अदीब, खालिद, डॉक्टर अब्दुल्ला सलमान, ओम प्रकाश त्रिपाठी, मोहम्मद अनस, डॉ. शाहिदा ,डॉक्टर नागेंद्र अनुज ,डॉक्टर वादियाउल्लाह , अफताब जौनपुरी, डॉक्टर खुर्शीद अंबर, डॉ असलम रहीमी, मोहम्मद अनाम, सुनील प्रभाकर ,आजाद प्रतापगढ़ी, डॉक्टर शमीम, मोहम्मद जुबेर ,रोशन लाल ऊमरवैश्य, सुजीत कुमार, मोहम्मद फैसल मोहम्मद फहद, अभिमन्यु सिंह, मोहम्मद हसन आदि।
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