
धूमधाम से मनाया गया प्रभु श्रीराम का विवाहोत्सव
नैमिष टुडे/डॉ. अभय शुक्ला
लक्ष्मणपुर/ प्रतापगढ़ मानव कल्याण सेवा संस्थान परिवार दिव्य धाम रामपुर भेङियानी लक्ष्मणपुर प्रतापगढ उ प्र मै चल नौ दिवसीय भव्य श्रीराम कथा के पंचम दिवस पर कथा व्यास पं संजय कृष्ण जी महाराज ने कहा कि महाराज विश्वामित्र के साथ प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण जी के साथ मिथिला मे प्रवेश किया पूरी मिथिला प्रभू के सुन्दर स्वरूप का दर्शन करने के लिए उमङ पङती है और जब जनकराज को सूचना मिली तो वे बङे आदर विश्वामित्र जी का स्वागत करते है और उन्हे महल मे ले जाकर ठहरने का उत्तम प्रबंध करते है सुबह प्रभु श्रीराम भैया लक्ष्मण सहित फुलवारी मे पुष्प लेने जाते है जहाँ पर माता जानकी सखियो सहित माता गौरी के पूजन के लिए आती है जहाँ पर एक सखी के द्वारा सूचित करने पर प्रभु के दर्शन को आती है वही पर माता जानकी और प्रभु श्रीराम का प्रथम दीदार होता है और एक-दूसरे को एकटक निहारते है और मन ही मन पाने की कामना करते है माता जानकी गौरी पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त कर महल वापस जाती है प्रभु श्रीराम पुष्प लेकर गुरु जी के पास आते है फिर गुरू जी के साथ यज्ञ मंडप मे जाते है जहाँ पर स्वयंवर मे दीप दीप के राजा आप हुए है महाराज जनक ने अपनी घोषणा सुनवाई कि जो भी भगवान शिव के पिनाक धनुष पर प्रत्यंचा चढाऐगा उसी के साथ सीता का विवाह होगा ऐसा सुनकर समस्त राजा गण एक एक कर धनुष उठाने का प्रयास करते लेकिन धनुष हिला तक नही फिर सबने मिलकर एक साथ दस हजार राजाओ ने उठाने का प्रयास किया लेकिन धनुष हिला तक नही तब राजा जनक निराश होकर कहने लगे कि लगता है धरती बीरो से खाली हो चुकी अब सब लोग वापस जाओ मेरी जानकी के भाग्य मै विवाह नही लिखा यह सुनकर लक्ष्मण जी क्रोधित हो गए और कि जिस समाज मे रघुकुल का कोई विद्यमान हो वहाँ ऐसी बाते शोभा नही देती अगर प्रभु श्रीराम का आदेश हो तो इस धनुष को क्या पूरे ब्रह्मांड को एक हाथ से गए की तरह उठाकर कच्चे घङे की तरह फोङ दूँ प्रभु श्रीराम शान्त कराते है और फिर गुरू जी का आदेश पर पलक झपकते ही प्रभु श्रीराम धनुष को उठाकर तोङ देते है भयानक गर्जना होती है जिसको सुनकर परशुराम जी आते है धनुष को टूटा देखकर क्रोध से लाल हो जाते है और फिर लक्ष्मण जी और परशुराम जी का तीखा संवाद होता है प्रभु श्रीराम शान्त कराते है और परशुराम जी को अपने अवतार का आभास कराते है और परशुराम जी वापस चले जाते है और माता जानकी प्रभु श्रीराम के गले मे वरमाला डालती है और बहुत हर्षोल्लास एवम रीति-रिवाज के साथ विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाया गया मधुर भजन के साथ रामधुन मे सारा समाज मग्न हो गया सभी रामभक्तो का आभार कथा संयोजक भा ज पा नेता पं श्याम शंकर पाण्डेय व संचालन भजन गायक पं सतीश चंद्र पाण्डेय ने किया इस अवसर पर मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष भा ज पा श्री आशीष श्रीवास्तव जिला महामंत्री श्री राजेश सिंह मंडल अध्यक्ष प्रमोद सिंह पूर्व मंडल अध्यक्ष जय भगवान पाण्डेय हौसिला ओझा डा आर यस तिवारी राम अवध तिवारी राजेश शुक्ल शिवनारायण पाण्डेय आदि सैकङो रामभक्त रहे