कल्पतरू ग्रुप से जुड़े लोगों के चल रहे बुरे दिन

कल्पतरू ग्रुप से जुड़े लोगों के चल रहे बुरे दिन

नैमिष टुडे/संवाददाता

मथुरा। फरह थाना क्षेत्र के चुरमुरा निवासी कल्पतरु ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक जयकृष्ण सिंह राणा से जुड़े लोगों के बुरे दिन चल रहे हैं। प्रवर्तन टीम लगातार समूह से जुड़े लोगों के यहां कार्रवाई कर रही है। 18 दिसंबर को शहर के मैनागढ़ स्थित अग्रसेन प्रिंटिंग प्रेस में भी ईडी ने कार्रवाई की थी। इस दौरान प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशल अग्रवाल से पूछताछ भी की। यहां से टीम रुपये और अचल संपत्ति से जुड़े कागजात अपने साथ ले गई थी। अजय कौशल ने बताया था कि उनके यहां कल्पतरु अखबार और कंपनी के दस्तावेज की छपाई का कार्य होता था। इससे पहले टीम ने आगरा में कल्पतरु ग्रुप से जुड़े कई लोगों के यहां कार्रवाई की थी। कार्रवाई के कारण के कारण कल्पतरु ग्रुप से जुड़े लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है। वह अपने बचाव के तरीके खोज रहे हैं, लेकिन ईडी के सामने कोई भी खड़े होने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है। प्रवर्तन दल की कार्रवाई शुरू होने से पहले जो लोग कल्पतरु ग्रुप से जुड़े हुए थे उनकी खूब मौज आ रही थी। समूह के मालिक जयकृष्ण सिंह राणा से जिसकी अधिक नजदीकी थी वह उतना ही मालदार होता गया। जयकृष्ण सिंह के लापता होने के बाद लोगों ने सोचा कि ग्रुप की संपत्ति पर अब इनका कब्जा हो जाएगा, लेकिन ईडी की कार्रवाई It’s होते ही मुसीबत का पहाड़ टूट गया। कल्पतरु ग्रुप ऑफ कंपनी का मालिक जयकृष्ण सिंह राणा राजाओं की तरह रहता है। जब भी वह अपने घर से निकलता तो एक दर्जन गाड़ियों का काफिला उसके साथ चलता था। काफिले में सभी गाड़ी एक ही रंग की होती थी और उनका नंबर भी एक जैसा होता था। उसका ऐसा रसूखा था कि जिसे देखकर सभी लोग दंग रह जाते थे। आगरा, मथुरा समेत आसपास के जिलों में मॉल, अखबार समेत चिटफंड कंपनी से उसने इतनी धनराशि कमाई कि इसका पता लगाने में अभी तक प्रवर्तन की टीम लगी हुई है। कई माह की जांच के बाद कुछ की संपत्ति के बारे में जानकारी हो सकी है, जबकि अभी उसकी करोड़ों की संपत्ति मथुरा में ही उनसे करीबी लोगों के नाम बताई जाती है। एक समय था जब लोग जयकृष्ण सिंह राणा के साथ संबंध होने पर अपने को गौरवांवित महसूस करते थे, लेकिन अब वही लोग बचते हुए घूम रहे हैं। जयकृष्ण सिंह राणा की मौत पर अभी भी संशय बना हुआ है। कोरोना काल में जयकृष्ण सिंह राणा के मौत की अफवाह उड़ी। दावा किया गया कि नयति हॉस्पिटल में उसकी मौत हुई और उसके बेटे जयकरन ने शव अपनी सुपुर्दगी में लिया था। जयकृष्ण सिंह राणा की मौत की जांच अभी तक पुलिस कर रही है, लेकिन अभी तक वह यह स्पष्ट नहीं कर पाई है कि जयकृष्ण सिंह राणा जिंदा है या मर गया। वहीं लोगों में चर्चा है कि वह अपने परिवार के साथ विदेश में रह रहा है। जैसे ही उसे जानकारी हुई कि ईडी का शिकंजा उसकी कंपनी पर कसना शुरू हो गया है उसने पहले अपने परिवार को विदेश भेजा। इसके बाद स्वयं विदेश भाग गया।

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