हज़रत अली ने कहा था इल्म के बिना दुनिया में अँधेरा है
महमूदाबाद सीतापुर
हज़रत अली (अलै,) ने इल्म हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते रहना चाहिए बिना इल्म ( शिक्षा ) के जिंदगी में आंखों के होते हुए भी अंधेरा है इल्म के जरिए ही इंसान आज तरक्की कर रहा है यह बात मीर अता हुसैन के इमाम बाड़े में एक मजलिस को किताब करते हुए मौलाना जहीर अब्बास लखनवी ने कही। मौलाना ने कहा कि मौलाए कायनात हजरत अली अलैहिस्सलाम अपने खुतबे में अक्सर कहां करते थे कि जो कुछ पूछना हो हमसे पूछ लो इससे कब्ल् कि मैं दुनिया से रुखसत हो जाऊं l मौला अली ने कहा कि जमीन से ज्यादा आसमान के रास्ते जानता हूं l मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि मैं इल्म का शहर हूं और अली उसे के दरवाजा हैं मौलाना ने इमाम हुसैन की बेटी बीबी सकीना के मासाहेब पड़े और कर्बला में यज़ीदी फौज की जुल्म के बारे में बताया इमाम हुसैन के मास्येब सुनकर मजलिस में मौजूद सोगवर् हुसैनी के आंखों से आंसू निकलने लगे मौलाना से पहले मौलाना फैज अब्बास बहराइच ने इमाम हुसैन की शान में कलाम पड़े इस मजलिस में सफदर हुसैन मजहिर हुसैन दिलावर हुसैन जीशान रिज़वी फैजान रिज़वी अनवर हुसैन अरशद हुसैन शेख अनवार हुसैन सैफ रिजवी शब्बीर हसन और तमाम सोगवर् हुसैनी मौजूद थे मजलिस के बाद अंजुमन हैदरी अंजुमन सज्जादिया और अंजुमन अब्बासिया ने नोहा खानी वह सीना जनी की और जियारत मौलाना सैयद सज्जाद हुसैन ने पढ़ाई