रक्षाबंधन त्योहार आते ही कस्बा तहसील शहर के छोटे बङे मिष्ठान भण्डारों पर आज से बनने लगी रंग बिरंगी अधोमानक मिठाईयां
पीलीभीत/ पीलीभीत में जमकर बेचा जा रहा मिलावटी खोया,पनीर, दूध यह खेल मिलावट खोर फूड विभाग की उदासीनता के चलते काफी समय पहले से खेल कर जनता की सेहत से खिलवाङ कर खूब चांदी काट रहे हैं। और दिन दूनी रात चौगनी तरक्की कर रहे हैं।
जिला-पीलीभीत में देहात कस्बा तहसील और शहरों में स्थित लगभग दो हजार छोटी बङी मिठाई बनाने की दुकाने मिष्ठान भण्डार हैं जोकि कोई बङा त्योहार आने पर एक हफ्ते पहले से ही रंग बिरंगी मिठाई बनाना शुरू कर देते हैं। अब जबकि रक्षाबंधन जैसा बङा त्योहार के चार पांच दिन रह गए हैं तो आज से ही मिष्ठान भण्डारों और मिठाई की दुकानों पर मिठाईयां बनना शुरू हो गई हैं। विना मानकों के और मिलावटी खोये दूध से जमकर मिठाईयां बनाई जाने लगी हैं किसी किसी मिठाई की दुकानों और मिष्ठान भण्डारों पर ऐसी जगहों पर मिठाई बनाई जा रही है जहां पर काफी गंदगी है कोई साफ-सफाई नही मिठाईयों में डाला जाने वाला रंग खाने योग्य है भी कि नही बस मिठाई रंग बिरंगी देखने में अच्छी लगना चाहिए। पीलीभीत में मिलावटी मिठाई युद्ध स्तर पर बेची जाती है बस कोई बङा त्योहार आने का इंतजार रहता है। पीलीभीत में फूड विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ फूड इंस्पेक्टर तो हैं लेकिन वो अपनी मर्जी से कुछ नही कर सकते जादा हो हल्ला होता है तो दो एक छोटी दुकान से सैंपिलिंग कर रिपोर्ट प्रशासन शासन को भेज दी जाती है। अभी जुमा जुमा कुछ महीने ही हुए है पीलीभीत में तबादला होकर आये हुए रामऔतार सिंह सहायक आयुक्त खाद्य विभाग जनाब का कहना है कि जब जब हमारे फूड इंस्पेक्टर और हम दुकानों पर कोई छापामार कारवाई करते हैं तो बङे व्यापारी यूनियन जबरदस्त विरोध करने लगते हैं और फिर सत्ता पक्ष नेताओं विधायक के फोन आना शुरू हो जाते है फिर हमें अपना अभियान रोकना पङता है। यह कोई छोटे मोटे अधिकारी का कहना नही है बल्कि जिले के बङे अधिकारी सहायक आयुक्त खाद्य रामऔतार जी का इसका मतलब यह भारी भरकम तनख्वाह वेतन तो सरकार से लेते हैं और नौकरी बङे व्यापारी नेता विधायक की करते हैं। एक बङे मिष्ठान भण्डार के कारीगर ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि रंग बिरंगी छेने की मिठाई की औसत आयु अङतालिस घंटे यानी दो दिन होती है उसके बाद वो खराब होने लगती है जो इंसान के स्वास्थ्य को भी खराब करती है लेकिन छेने की मिठाई त्योहारों पर सबसे जादा विकती है इस लिए इसे चार पांच दिन पहले से ही बनाने लगते हैं। अब सवाल उठता है कि ऐसे अधिकारी पर योगी जी की नजर क्यों नही पङती है हर जिले में सरकार किसी की भी हो उसकी खुद की एलआईयू खुफिया इंटेलिजेंस होती है क्या कर रही है क्या वो ऐसे निकम्मे अधिकारी की खबर नही दे रही है।