श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में वृन्दावन से पधारी परम पूज्या देवी महेश्वरी श्रीजी ने सती प्रसंग के पश्चात, प्रह्लाद प्रसंग, ध्रुव प्रसंग सुन हुए आन्नदित

 

विष्णु सिकरवार
आगरा। आगरा शिव पैलेस पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में वृन्दावन से पधारी परम पूज्या देवी महेश्वरी श्रीजी ने सती प्रसंग के पश्चात, प्रह्लाद प्रसंग, ध्रुव प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि ,
ना कोई प्रसाद और ना कोई चढ़ावा, पांच साल के ध्रुव ने सिर्फ अपने पवित्र भावों से ही भगवान को कर लिया था प्रसन्न।
सिर्फ दुख में ही नहीं, सुख के दिनों में भी करें प्रार्थना, नियमित रूप से करनी चाहिए भक्ति
अधिकतर लोग भगवान को तभी याद करते हैं, जब वे मुसीबत में होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। भगवान की भक्ति हर पल करनी चाहिए। दुख में ही नहीं, सुख के दिनों में भी प्रार्थना करनी चाहिए। भक्त के भाव पवित्र होना चाहिए, तभी भगवान की कृपा मिल सकती है। भक्ति कैसी होनी चाहिए, ये हम भक्त ध्रुव की कथा से समझ सकते हैं।
भागवत में भक्त ध्रुव की कथा आती है। ध्रुव के पिता की दो पत्नियां थीं। पिता को अपनी दूसरी पत्नी से अधिक प्रेम था, जो कि ज्यादा सुंदर थी। उसी से पैदा हुए पुत्र से ज्यादा स्नेह भी था। एक दिन एक सभा के दौरान ध्रुव अपने पिता की गोद में बैठने के लिए आगे बढ़ा तो सौतेली मां ने उसे रोक दिया। उस समय ध्रुव पांच साल का ही था। वह रोने लगा।
सौतेली मां ने कहा जा जाकर भगवान की गोद में बैठ जा इसके बाद ध्रुव ने अपनी मां के पास जाकर पूछा कि मां भगवान कैसे मिलेंगे।
मां ने जवाब दिया कि इसके लिए तो जंगल में जाकर घोर तपस्या करनी पड़ेगी। बालक ध्रुव ने जिद पकड़ ली कि अब भगवान की गोद में ही बैठना है। वह जंगल की ओर निकल पड़ा।
एक पेड़ के नीचे बैठकर ध्रुव ने ध्यान लगाया, लेकिन उसे कोई मंत्र नहीं आता था। उस समय वहां नारदजी पहुंचे और उन्होंने बालक ध्रुव को गुरु मंत्र दे दिया। मंत्र था ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:। इसके बाद बालक ध्रुव मंत्र जपने लगा। कोई और इच्छा नहीं थी, सिर्फ एक भाव की भगवान की गोद में बैठना है।
बालक ध्रुव मन से भगवान को पुकारने लगा। बच्चे का निर्दोष भावों से भगवान विष्णु भी पिघल गए। वे प्रकट हुए और वर मांगने के लिए कहा। ध्रुव ने कहा मुझे अपनी गोद में बैठा लीजिए। भगवान ने ये इच्छा पूरी कर दी।
ध्रुव कथा के बाद शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया और शिव तांडव की सजीव झांकी देखकर श्रोता गण मंत्र मुग्ध हो गए ।
दीदी ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए,संघ की शाखा के संस्कारों, गुरु का निर्णय सोच समझकर करें का वर्णन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुरु भगवा ध्वज का उदाहरण दिया
आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आगरा विभाग प्रचारक को दीदी ने पटका पहनाकर स्वागत किया
इस अवसर पर आगरा कथा समिति अध्यक्ष गोविंद शर्मा अजय गोयल,कालीचरण गोयल, अगम गौतम ,मुकेश चंद गोयल,ब्लॉक प्रमुख आशीष शर्मा, आरडी त्यागी,अरुण सिंह,राजेश चतुर्वेदी, राकेश जी संगठन मंत्री,नरेश शर्मा,श्रीप्रकाश सिंह, सीमा सिंह, प्रतिभा जिंदल,दीपक तोमर एडवोकेट उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें