विष्णु सिकरवार
आगरा। कथा समिति एवं विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का प्रारंभ शिव पैलेस पश्चिमपुरी में हुआ। जिसमें वृंदावन से पधारी अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास पूज्य देवी महेश्वरी श्रीजी का आगरा कथा समिति ने 51 किलो की पुष्प माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। श्रीजी ने प्रथम दिवस कथा महात्म्य का वर्णन करते हुए बताया कि आत्मदेव नामक ब्राह्मण बड़े भक्त थे किंतु उनके कोई संतान नहीं थी समाज के तानों से क्षुब्ध होकर एक दिन आत्मदेव जी नदी के किनारे आत्महत्या की सोचते है इतने में एक संत आकर उन्हें एक फल देते है जिसे आत्म देव जी आकार अपनी पत्नी धुंधली को देते है किंतु वह स्वयं न खाकर गाय को खिला देती है और खुद को गर्भावस्था में बताकर अपनी बहन के यह चली गई इधर गाय से पुत्र हुआ जिसका नाम कोकर्ण पड़ा और धुंधली ने अपनी बहन के बेटे को अपना बनाया और उसका नाम धुंधकारी रखा। धुंधकारी जैसे जैसे बड़ा हुआ वह दुराचारी, व्यभिचारी बनता चला गया और गोकर्ण भक्त। एक दिन धुंधली की मृत्यु हो जाती है आत्मदेव गृह त्याग कर देते है और धुंधकारी व्यसन में डूब जाता है और गणिकाओ द्वारा उसकी हत्या कर दी जाती है धुंधकारी प्रेत योनि में पहुंच जाता है गोकर्ण जब यात्रा से लौटे उन्हें पता चला तो उसकी आत्मा की शांति के अनेक उपाय किए परंतु वह मुक्त नहीं हो पाया तब गोकर्ण ने सूर्यदेव से प्रार्थना की उन्होंने भागवत कथा सुनाने को कहा ऐसा ही गोकर्ण ने किया और भागवत कथा सुनकर धुंधकारी मुक्त हो गया । भागवत कथा ही पित्रों को मुक्त कर सकती है।
डॉक्टर राम बाबू हरित आरती में शामिल हुए इस अवसर पर मुख्य यजमान लालता प्रसाद,विमलेश सारस्वत, आगरा कथा समिति के अध्यक्ष गोविंद शर्मा,संयोजक मुकेश नेचुरल, मुकेश चंद गोयल, अजय गोयल, श्री प्रकाश सिंह,कालीचरण गोयल, नरेश शर्मा, अगम गौतम, अरुण सिंह,लक्ष्मी नारायण मित्तल,मनीष अग्रसेना, आरडी त्यागी, प्रतिभा जिंदल, सीमा सिंह, चेतना चौहान, वी पी सिंह, लक्ष्मण चौधरी,तेजपाल सिंह, शेर सिंह,कुलकुलेंद्र शर्मा,पवन चौधरी, दीपक तोमर एडवोकेट आरती में उपस्थित रहे।