बदलापुर/जौनपुर अरुण कुमार दुबे नैमिष टुडे
बदलापुर तहसील क्षेत्र के महराजगंज ब्लांक के ग्राम सभा भीमपुर में यजमान पूर्व प्रधानाचार्य शिव शंकर उपाध्याय पत्नी ज्ञानती देवी
सुरेश चंद्र (सूबेदार उपाध्याय
पत्नी ज्ञानवती देवी अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पूज्य शिवम जी महाराज द्वारा भगवान शंकर की महिमा
शिव महापुराण में ७ (सात) ‘संहिता’ (छंदों का संग्रह) शामिल हैं जो भगवान शिव के जीवन के विभिन्न पहलुओं का एक ज्वलंत विवरण प्रदान करते हैं। विद्येश्वर संहिता, रुद्र संहिता, कोटिरुद्र संहिता, उमा संहिता, कैलास संहिता, वायु संहिता।
शिव पुराण में भगवान शिव द्वारा श्रीराम का ध्यान लगाने की बात कही गई है. इसके बारे में एक कथा प्रचलित है कि एक बार माता पार्वती ने शिव के ध्यान से उठने के बाद शिव से पूछा कि आप तो स्वयं ही देवों के देव हैं, इसलिए तो आपको देवाधिदेव कहते हैं.
अजर-अमर हैं भगवान शिव
पद्मपुराण और शिव पुराण में ये वर्णन मिलता है कि शिव इस सृष्टि के आरंभ से है और इस सृष्टि के अंत होने के बाद भी शिव रहेंगे. शिव ही आदि है और शिव ही अनंत है. त्रिदेवों में शिव ही परम शक्ति है और जो सभी देवताओं के आराध्य हैं. माना जाता है कि ब्रह्मा जी के आंसुओं से भूत-प्रेत बने और मुख के तेज से रुद्र बने. जिसमें से भूत प्रेतों को शिव का गण माना जाता है. इस सृष्टि में जीवन का संचार करने वाले शिव ही थे, जिन्होंने आदिशक्ति के साथ मिलकर सृष्टि में जीवन संभव बनाया.
इस अवसर पर उपस्थित जन
पंडित द्वारका प्रसाद दुबे, दिनेश मिश्रा, वशिष्ठ नारायण उपाध्याय ,अनिल उपाध्याय सुनील उपाध्याय ,अंबुज सिंह विवेक उपाध्याय,समाजसेवी अकज उपाध्याय अन्य सैकड़ो संख्या भगवान शिव पुराण कथा की भक्ति से हुएं भाव विभोर हो गए।