लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में 7 जून को माफिया मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी 50 वर्षीय संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गई थी। वकील बनकर आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची और उसकी मां को भी गोली लगी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़ाकर हमलावर को पकड़ लिया लिया और पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया। मुजफ्फरनगर का संजीव उर्फ जीवा ने साल 1991 में मुजफ्फनगर में पहला अपराध किया था। तब उसके खिलाफ कोतवाली नगर में मारपीट का केस दर्ज किया गया था। उस केस में संजीव जीवा दोषमुक्त भी हो चुका था। साल 1991 में किए गए पहले अपराध के बाद संजीव जीवा ने अपराध की दुनिया में एक कदम रखा कि फिर अपराध के दलदल में डूबता चला गया। पुलिस रिकार्ड बताते हैं कि संजीव जीवा के खिलाफ मुजफ्फरनगर में 17, उत्तराखंड में 5, गाजीपुर में एक, फर्रूखाबाद में एक और लखनऊ में एक कुल 25 मामले दर्ज थे।