पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात अनिल दुजाना चार मई को एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में मारा गया था। एसटीएफ और गौतमबुद्धनगर पुलिस को उसकी तलाश थी। कुख्यात अनिल दुजाना पश्चिमी यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। अनिल दुजाना पर लूट, हत्या, डकैती समेत 65 मुकदमे दर्ज थे। मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने अनिल दुजाना को गंगनहर पर भोला की झाल पर चार मई को घेर लिया था। अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर गोली चला दी, जवाबी फायरिंग में मारा गया। कुख्यात अनिल दुजाना वारदातों में प्रतिबंधित बोर के हथियारों का इस्तेमाल करता था। जब अनिल दुजाना जेल से बाहर था तो उसके गैंग के पास एके 47 और .30 बोर, नाइन एमए जैसे प्रतिबंधित बोर वाले हथियार थे। अनिल दुजाना दोनों हाथों से पिस्टल चलाता था। पिछले कुछ वर्षों में अनिल दुजाना ने सहारनपुर से नोएडा और इटावा से लेकर अयोध्या तक अपना गिरोह फैला लिया था। अधिकतर जिलों में अनिल दुजाना के गिरोह के सदस्य बन गए थे। अनिल दुजाना यूपी का बड़ा डॉन बनना चाहता था। इसी मकसद के साथ बहुत तेजी से अपने गिरोह को बढ़ा रहा था। अनिल दुजाना जिस क्षेत्र में जाता वहां पर सक्रिय गिरोह के साथ हाथ मिलाता था और नए युवाओं को गिरोह में जोड़ लेता था।