यूक्रेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाने पर सहमति – रूस की मुश्किलें बड़ी

 

यूरोपीय संघ ब्रुसेल्स शिखर सम्मेलन 14-15 दिसंबर 2023 – यूक्रेन,मोल्दोवा को ईयू सदस्य बनने पर सहमति

भारत-अमेरिका को आगे आकर रूस-यूक्रेन, इसराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने आम सहमति बनाकर मानवीय कल्याण करना ज़रूरी – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर रूस-यूक्रेन व इजरायल-हमास युद्ध से दुनियां को आभास हो चुका है कि दुनियां अब तीन खेमों में बट चुकी है, इसे और भी स्पष्ट रूप से देखें तो दुनियां की दो महा शक्तियों के पक्ष विपक्ष में और कुछ देश अपने आप को न्यूट्रल रूप से रखे हुए हैं,जो हमें संयुक्त राष्ट्र में युद्ध विराम या अन्य मुद्दों पर वोटिंग में देखने को मिल रहा है, जिसमें भारत ने हमेशा न्यूट्रल स्थिति अपना कर रखी है और वोटिंग में अनुपस्थित रहा है परंतु दो दिन पहले ही भारत ने यूएन महासभा में फौरन मानवीय युद्ध विराम व बंधकों को रिहाई के मामले पर प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। उधर अमेरिका ने भी इसराइल को सख्त चेतावनी दी है कि अपना रुख बदले अन्यथा गाजा युद्ध के लिए समर्थन खो देगा यानी भारत अमेरिका की वर्तमान मंशा को देखा जाए तो इस मुद्दे पर दोनों देशों की आम सहमति झलकती है, इसलिए ही दोनों की मैत्री जग प्रसिद्ध है परंतु मेरा मानना है कि दोनों देशों को मिलकर उपरोक्त दोनों नामित युद्धों को रोकने के लिए आगे आना चाहिए परंतु इसके विपरीत दिनांक 14-15 दिसंबर 2023 को बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में यूक्रेन को यूरोपीय संघ जिसमें 27 सदस्य देश हैं उसमें सदस्य बनाने की महत्वपूर्ण सहमति दे दी है, जिससे रूस यूक्रेन युद्ध मामले में घी में तेल डालने का काम होगा इसपर चीन की मुश्किलें बढ़ना तय है। क्योंकि अगर यूक्रेन ईयू का सदस्य देश बन जाता है तो स्वाभाविक रूप सेउसके समर्थन में खुलकर 27 देश भी आ जाएंगे, हालांकि हंगरी ने इसका विरोध किया है।परंतु अभीकेवल एयू संघ कीसहमति ही मिली है,अभी अनेक प्रक्रियाएं होना बाकी है जिसमें कुछ वर्ष भी लगा सकते हैं तब तक ऊंट कहां करवट बदलेगा पता नहीं, चूंकि हमें युद्ध रूपी आग में उकसावे रूपी घी नहीं डालना है, बल्कि युद्ध विराम करना है, इसलिए आज हम मीडियम उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,भारत अमेरिका को आगे आकर रूस-यूक्रेन इसराइल-हमास युद्ध को समाप्त करने आम सहमति बनवाना मानवीय कल्याण के लिए जरूरी है।
साथियों बात अगर हम यूक्रेन को यूरोपीय संघ में शामिल करने पर सहमति की करें तो, ब्रसेल्स में,14 दिसंबर यूरोपीय संघ ने यूक्रेन और मोल्दोवा को सदस्य के रूप में शामिल करने पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को सहमति जताई।रूस के साथ युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के लिए यह एक बड़ी राहत वाली खबर साबित हो सकती है। यूक्रेन लंबे समय से 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में शामिल होने का इच्छुक रहा है।यूरोपीय संघ के 27 नेताओं के ब्रसेल्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों को सदस्य देश के रूप में शामिल करने के लिए चर्चा करने के संबंध में निर्णय लिया गया। जब यूरोपीय संघ के नेताओं ने इस संबंध में सदस्यता वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई। यह यूक्रेन के लिए एक बड़ी राजनीतिक जीत है। वह भी ऐसे समय में जब रूस का हमला लगातार बढ़ता जा रहा है और अमेरिकी सैन्य सहायता भी अनिश्चित हो गई है। यूरोपीय संघ के राजनयिकों और अधिकारियों ने कहा कि वार्ता के लिए अप्रत्याशित हरी झंडी हंगरी के पीएम विक्टर ओर्बन ने दी है। जिन्होंने इससे पहले कहा था कि वह इस तरह के समझौते को रोक देंगे। ओर्बन ने पुष्टि की कि वह यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में मतदान से दूर रहे थे, जिसे उन्होंने खराब निर्णय कहा था। इस स्तर पर यह स्पष्ट नहीं था कि बदले में उसे वास्तव में क्या मिल सकता है। ऐसे में इस तरह के निर्णय को मंजूरी देने को असामान्य माना जा रहा है। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति ने फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, यह यूक्रेन के लिए एक जीत है। पूरे यूरोप के लिए एक जीत है। एक जीत जो प्रेरित करती है, प्रेरणा देती है और मजबूत करती है। आगे कहा कि मैं इस दिन प्रत्येक यूक्रेनी को बधाई देता हूं। इतिहास उन लोगों द्वारा बनाया जाता है जो स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए नहीं थकते।यूक्रेन को रूसी सेनाओं के खिलाफ लगभग दो साल से जारी युद्ध में अपने पश्चिमी सहयोगियों के समर्थन की सख्त जरूरत है। हाल ही में यूक्रेन बाइडन प्रशासन की तरफ से यूक्रेन को मिलने वाला 60 बिलियन डॉलर का सहायता पैकेज नहीं मिल सका था। यूक्रेन लंबे समय से 27 देशों वाले यूरोपीय संघ में शामिल होने का इच्छुक रहा है।यूरोपीय संघ के 27 नेताओं के ब्रसेल्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों को सदस्य देश के रूप में शामिल करने के लिए चर्चा करने के संबंध में निर्णय लिया गया। यूक्रेन को सदस्यता देने के लिए यूरोपीय संघ वार्ता शुरू करने पर हुआ सहमत हो गाय है, कीव को मिली अप्रत्याशित सफलता।
साथियों अगर हम हंगरी के वोटिंग से दूर रहने की करें तो, हंगरी के बात पीएम क्षण भर के लिए कमरे से चले गए, जबकि अन्य 26 नेता वोट के लिए आगे बढ़े। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो संदेश के साथ अपने सहयोगियों से दूरी बना ली, यूक्रेन की यूरोपीय संघ की सदस्यता एक बुरा निर्णय है। हंगरी इस गलत फैसले में भाग नहीं लेना चाहता है, और इसलिए आज इस निर्णय से दूर रहा।यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य हंगरी ने गुरुवार (14 दिसंबर) को यूरोपीय संघ के बजट से यूक्रेन के लिए 54 बिलियन डॉलर (50 अरब यूरो) के सहायता सौदे को रोक दिया हंगरी के पीडी एफ विक्टर ओर्बन ने अपना कदम पीछे खींच लिए खींच लिया और डील को अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दियाओर्बन ने एक्स यह जानकारी झा की और कहा कि उन्होंने डील पर वीटो कर दिया है। उन्होंने ने सोशल मीडिया पर लिखा,नाइटशिफ्ट का सारांश: यूक्रेन को अतिरिक्त धन के लिए वीटो, एमएफएफ (बजट)समीक्षा के लिए वीटो,हम उचित तैयारी के बाद अगले साल यूरोपीय परिषद में इस मुद्दे पर वापस आएंगे।
साथियों बात अगर हम यूक्रेन के राष्ट्रपति द्वारा इस उपलब्धि को यूक्रेन की जीत करार देने की करें तो,यह यूक्रेन के लिए एक जीतवही जेलेंस्की ने यूरोपीय संघ की घोषणा खुश होकर एक्स पर लिखा, यह यूक्रेन के लिए एक जीत है। पूरे यूरोप के लिए एक जीत है। एक जीत जो प्रेरित करती है, प्रेरणा देती है और मजबूत करती है।फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने के बाद यूक्रेन और मोल्दोवा ने यूरोपीय संघ में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। उन दोनों को पिछले जून में उम्मीदवार का दर्जा दिया गया। मोल्दोवा की राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन के साथ यूरोपीय संघ में शामिल होने का मार्ग साझा करना सम्मान की बात है. उन्होंने लिखा, ‘रूस के क्रूर हमले के खिलाफ यूक्रेन के बहादुर प्रतिरोध के बिना हम आज यहां नहीं होता हैं ।यूरोपीय संघ में शामिल होने पर बातचीत में वर्षों लग सकते हैं, इसलिए गुरुवार का फैसला यूक्रेन की सदस्यता की गारंटी नहीं देगा. यूक्रेन में लोग जानते हैं कि पूर्ण सदस्यता का रास्ता लंबा है, लेकिन ब्रुसेल्स में हुआ यह निर्णय मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा।यूरोपीय संघ के उम्मीदवार देशों को कानून के शासन से लेकर अर्थव्यवस्था तक के मानकों का पालन करने के लिए सुधारों की एक श्रृंखला पारित करनी होती है। हालांकि यूरोपीय संघ के एग्जीक्यूटिव पहले ही न्याय और भ्रष्टाचार से निपटने पर अब तक उठाए गए 90 प्रतिशत से अधिक कदमों को पूरा करने के लिए कीव की प्रशंसा कर चुके हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि यूक्रेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनने पर सहमति – रूस की मुश्किलें बड़ी।यूरोपीय संघ ब्रुसेल्स शिखर सम्मेलन 14-15 दिसंबर 2023-यूक्रेन,मोल्दोवाको ईयू सदस्य बनने पर सहमति।भारत-अमेरिका को आगे आकर रूस-यूक्रेन इसराइल -हमास युद्ध को समाप्त करने आम सहमति बनाकर मानवीय कल्याण करना ज़रूरी।

*-संकलनकर्ता लेखक – का विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नमस्कार,नैमिष टुडे न्यूज़पेपर में आपका स्वागत है,यहाँ आपको हमेसा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे 9415969423 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें