प्रयागराज
प्रयागराज की अफसरशाही किसानों को बर्बाद करने का पूरा प्लान बना चुकी है । बीते दो वर्षों से बुवाई के समय फूलपुर में लगी इफको कंपनी लगातार डीएपी खाद की पर्याप्त उपलब्धता कम करती जा रही है । यहां तक की सहकारी समितियां और अधिकृत इफको खाद विक्रेताओं के यहां डीएपी खाद बुवाई के समय शून्य हो जाती है। जिससे इलाके के किसानों को बिना डीएपी के ही गेहूं चना और सरसों की बुवाई करने की मजबूरी हो जाती है । इस पर न तो सांसद, विधायक और संबंधित कृषि विभाग के अधिकारियों की नजर है और न ही उत्तर प्रदेश सरकार ध्यान दे रही है । वक्त पर खाद की किल्लत क्यों बढ़ जाती है यह किसनों के खूब समझ में आ रहा है। होता यूं है कि सरकारी संस्थानों में डीएपी की जब पहुंच नहीं हो पाती तो किसान प्राइवेट दुकानों से मजबूर होकर 1500 से 1600 तक प्रतिबोरी के हिसाब से खाद खरीदने के लिए मजबूर हो जाता है । डिमांड ज्यादा होने की वजह से बाजार में जब असली खाद नहीं मिल पाती तो नकली खाद धड़ल्ले से बोरियों में पैक करके दुकानों में बेची जाती है। यह लगातार कई वर्षों से हो रहा है । किसान जब बिना खाद के बीज की बुवाई कर देगा तो बाद में खाद डालने से कोई फायदा नहीं होगा और उत्पादन घट जाएगा जिसका खामियाजा किसनो को ही भुगतना पड़ता है । जबकि खाद की कालाबाजारी करने और सरकारी डीएपी खाद को स्टोर करने वाले बाद में महंगे दामों में बेचकर मालामाल हो जाते हैं । सहकारी समितियों का ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है ।अब किसान अपने खेतों में फसलों की कटाई मडा़ई करें की नेतागिरी करें यह उसके समझ में नहीं आ रहा है । आम किसान बिना खाद के रबी की बुवाई कर रहा है । किसानों ने इस समस्या पर प्रदेश के मंत्रियों और उच्च अधिकारियों से तत्काल कड़े कदम उठाने की मांग की है । इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी किसानों की इस समस्या पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की गई है । विद्वान अधिवक्ताओं से लगातार चली आ रही किसानो की उक्त समस्या पर पीआईएल दाखिल करने की गुहार लगाई गई है, जिससे किसान हितों की रक्षा हो सके ।