
मिश्रित नैमिष वन क्षेत्र में अवैध कटान कराकर वनाधिकारी एवं कर्मचारी नित्य रचते हैं नया इतिहास ।
मिश्रित नैमिष पर पावन धरा की हरियाली को बर्बाद करना कभी भारी पड़ सकता है । वनाधिकारियों को ।
वर्ष 2007 में ऐसी ही मनमानी पर उतरे ओपी सिंह प्रभागीय वनाधिकारी बीएन गर्ग को प्रमुख सचिव वन ने 13 अगस्त 2007 को निलंबित करके एफ आई दर्ज कराने के दिए थे आदेश ।
मिश्रिख सीतापुर / परम तपस्वी महर्षि दधीचि एवं 88000 ऋषि मुनियों की पावन तपो स्थली मिश्रित नैमिष का संपूर्ण भाग आदिकाल से अरण्य वन अच्छादित क्षेत्र माना जाता रहा है । यहां 88 हजार ऋषि-मुनियों व्दारा तपस्या करने के साथ ही देवताओं ने भी इस अरण्य क्षेत्र में आकर कुछ समय तक निवास किया था । जिससे इस भूमि पर आज भी 33 कोटि देवताओं का वास माना जा रहा है । इस लिए यहां का पवित्र अरण्य क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से अपना एक अलग महत्व रखता है । वन रेंज मिश्रित में तैनात रेंजर , फारेस्टर की लकड़ी माफियाओं से गहरी सांठ गांठ के चलते यह सतयुग कालीन अरण्य क्षेत्र आज मरुस्थल के रूप में तब्दील होता जा रहा है । जो प्रमुख चिंता का विषय है । इसके लिए कोई और नहीं जिन कंधों पर इस अरण्य क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा है वहीं इसके दुश्मन बने हुए हैं । पता नहीं इसके पीछे उनकी मंशा क्या है । इसके पहले कोई भी वनाधिकारी इस कदर अवैध कटान की अनुमति नहीं देता था । जिस तरह आजकल फलदार हरे-भरे वृक्षों और नीम शीशम जैसे प्रतिबंधित प्रजाति के बृक्षों का अवैध कटान धड़ल्ले से चल रहा है । जिससे समूचे क्षेत्र में पर्यावरण संकट पैदा हो सकता है । इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है । वर्ष 2007 में प्रभागीय निदेशक सामाजिक वन प्रभाग सीतापुर में तैनात ओपी सिंह इस तरह अवैध वृक्षों के कटान पर लगाम नहीं लगा पा रहे थे । जिससे प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश बीएन गर्ग ने शासनादेश संख्या 19 63/ 14 / 1 /2007 80 (4) 2007 दिनांक 13 / 8 / 2007 वन अनुभाग 1 के माध्यम से प्रमुख वन संरक्षक उत्तर प्रदेश लखनऊ ने ओपी सिंह वन क्षेत्राधिकारी सहित अन्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित करके सुसंगत नियमों के अंतर्गत सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिए गए थे । ज्ञात हो कि वन रेंज मिश्रित में तैनात रेंजर दिनेश गुप्ता और डिप्टी रेंजर समर सिंह उन्ही के नक्शे कदम पर चल रहे है । इनके संरक्षण में लकड़ी माफिया आए दिन फलदार व प्रतिबंधित प्रजाति के बृक्षों को बिना परमिट खुले आम कटा कर इस धार्मिक अरण्य क्षेत्र को मरुस्थल में तब्दील करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं । बीते दिवस ग्राम मढ़िया निवासी बाग मालिक सांतन शुक्ला की बाग में लग भग 100 से ऊपर हरे-भरे फलदार आम के बृक्ष खड़े थे । जिनमें आम की फसल भी लगी थी । वन विभाग के संरक्षण में लकड़ी माफियाओं ने रातो रात कटा कर साफ करा दिया । कार्यवाही से बचने के लिए वन विभाग ने नया तरीका निकाला है । जिससे उन्होने बाग मालिक से सभी जड़े खुदाने का फरमान जारी कर दिया है । बाग मालिक व्दारा आज सभी वृक्षों की जेसीबी मशीन से जड़े खुदाने का कार्य किया जा रहा है । ताकि बाग मालिक और वन अधिकारी शासन की कार्यवाही से बच सकें । इसी तरह बीते दिवस ग्राम इस्लामनगर में गांव के पूरब ब्रह्म देवस्थान के पास स्थित एक भारी-भरकम आम नीम शीशम जामुन आदि की बाग में लग भग आधा सैकड़ा तक फलदार व प्रतिबंधित प्रजाति के बृक्ष खड़े थे । जिन्हें वन विभाग के संरक्षण में बिना परमिट कटा कर साफ करा दिया गया । ग्राम इस्लाम नगर निवासी बद्री के लड़के ने 13 शीशम के वृक्ष बिना परमिट कटाकर साफ करा दिया । मिश्रित निवासी जमील की बाग ग्राम करियाडीह में स्थिति थी । उसमें 10 आम के बृक्षों को बिना परमिट कटा कर साफ करा दिया गया । ग्राम हुसेनपुर में विभिन्न प्रजाति के वृक्षों की बाग को वन विभाग के संरक्षण में बिना परमिट कटा कर साफ करा दिया गया । इस तरह से बीतें मांह यहां की दर्जनों बागों में फलदार व प्रतिबंध प्रजाति के बृक्षों का अवैध कटान कराकर लकड़ी माफियाओं व्दारा जमींदोज किया जा चुका है ।
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क्या कहते हैं रेंजर दिनेश गुप्ता
मांमले में वन क्षेत्राधिकारी दिनेश गुप्ता से बात की गई । तो उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जो बिना परमिट कटान होता है । ज्यादा तर मुझे जानकारी नहीं हो पाती है । जानकारी होने पर संबंधित के विरुद्ध अपराध पंजीकृत करा कर कार्यवाही करता हूं ।
क्या कहते हैं डिप्टी रेंजर समर सिंह