
राम कथा के श्रवण से मन के विकार होते हैं दूर: महंत राम भूषण
सीतापुर। तहसील लहरपुर स्थित गोरखनाथ धाम राम जानकी मंदिर ट्रस्ट, कन्नपुर में आयोजित नौ दिवसीय भागवत कथा का भव्य समापन हुआ। कथा प्रवचन कर रहे महंत राम भूषण ने कहा कि राम कथा के श्रवण मात्र से मन के राग, द्वेष, ईर्ष्या और भेदभाव स्वतः समाप्त हो जाते हैं।
कथा के अंतिम दिवस लंका कांड का मार्मिक वर्णन किया गया। कथा व्यास ने बताया कि जब शांति के सभी प्रयास विफल हो गए, तो युद्ध का आरंभ हुआ। लक्ष्मण और मेघनाथ के बीच भीषण युद्ध हुआ, जिसमें शक्ति बाण के प्रहार से लक्ष्मण मूर्छित हो गए। हनुमान जी सुषेण वैद्य को लाए और संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय पर्वत की ओर चले गए।
इसी दौरान, रावण ने हनुमान जी को रोकने के लिए कालनेमि को भेजा, लेकिन हनुमान ने उसका वध कर दिया। जब हनुमान को सही औषधि की पहचान नहीं हुई, तो वे संपूर्ण पर्वत को उठा लाए। मार्ग में उन्हें भरत ने शत्रु समझकर बाण मार दिया, जिससे वे मूर्छित हो गए। लेकिन जब भरत को सत्य का पता चला, तो उन्होंने अपने बाण पर बैठाकर हनुमान जी को पुनः लंका भेज दिया।
उधर, औषधि आने में विलंब देखकर भगवान श्रीराम व्याकुल हो उठे, लेकिन सही समय पर हनुमान जी औषधि लेकर आ गए। सुषेण वैद्य के उपचार से लक्ष्मण स्वस्थ हो गए। इसके बाद, रावण ने कुंभकरण को युद्ध में भेजने का निर्णय लिया।
कथा के दौरान भक्तिमय झांकियां श्रद्धालुओं को अत्यधिक आकर्षित कर रही थीं, जिनमें महिलाओं और बच्चों ने विशेष रुचि दिखाई। कथा समापन के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया, जिससे श्रद्धालु आनंदित हुए।