
ग्राम पंचायत श्रीनगर में कब्रिस्तान की भूमि पर पेड़ों की अवैध कटाई, क्षेत्रीय लेखपाल की भूमिका संदिग्ध
नैमिष टुडे/संवाददाता
पंचायत श्रीनगर, विकासखंड फूलबेहड़, तहसील लखीमपुर में कब्रिस्तान की भूमि (गाटा संख्या 957) पर पेड़ों की कटाई को लेकर गंभीर अनियमितताएं उजागर हुई हैं। नियमानुसार, ग्राम पंचायत की जमीन पर लगे पेड़ों की कटाई के लिए निविदा जारी करना और विभागीय स्वीकृति लेना अनिवार्य होता है, लेकिन इस मामले में इन प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई।
लेखपाल की भूमिका संदेह के घेरे में
ग्रामीणों का आरोप है कि इस अवैध कटाई में क्षेत्रीय लेखपाल की मिलीभगत हो सकती है। आमतौर पर किसी भी सरकारी भूमि पर पेड़ों की कटाई के लिए लेखपाल की स्वीकृति आवश्यक होती है, लेकिन यहां बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के पेड़ों को काटकर बेचा गया।
नियमों की अनदेखी कैसे हुई?
ग्राम पंचायत की भूमि पर पेड़ों की कटाई के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाएं जरूरी थीं, लेकिन इन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया गया:
1. निविदा जारी नहीं की गई – कटाई और बिक्री के लिए सार्वजनिक निविदा निकालना अनिवार्य होता है, ताकि सभी इच्छुक ठेकेदार भाग ले सकें।
2. नीलामी प्रक्रिया नहीं हुई – पारदर्शी नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को यह कार्य सौंपा जाना चाहिए था।
3. लेखपाल और अन्य अधिकारियों की मंजूरी नहीं ली गई – किसी भी सरकारी भूमि पर पेड़ों की कटाई के लिए संबंधित विभागों से अनुमोदन लेना आवश्यक होता है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि अगर लेखपाल की संलिप्तता नहीं होती, तो यह अनियमितता संभव ही नहीं थी। उन्होंने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस मामले को उच्च अधिकारियों और न्यायालय तक ले जाएंगे।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।