हजरत इमाम हुसैन साहब की शहादत की याद में मनाया जाता हैं पवित्र मोहर्रम का पर्व : समाजसेवी मुशरफ खान
अपील – पवित्र मोहर्रम का पर्व गम का प्रतीक हैं इसे आपसी प्रेम, सौहार्द व शांतिपूर्ण माहौल में सादगी एव अकीदत के साथ मनाएं :समाजसेवी मुशरफ खान
विष्णु सिकरवार ब्यूरो प्रमुख आगरा
आगरा। पवित्र मोहर्रम का पर्व गम का प्रतीक हैं। इस्लाम धर्म के मानने वाले अनुयायियों के लिए मोहर्रम एक पवित्र पर्व है। जिसे मुस्लिम भाइयों द्वारा प्रतिवर्ष इसे सादगी एव अकीदत के साथ शौहार्द भरे वातावरण में अमन-चैन, शांति, प्रेम एवं आपसी भाईचारे के साथ हजरत इमाम हुसैन साहब की सहादत की याद में मिलजुल कर मनाया जाता है। वही, इस अवसर पर ताजिया का जुलूस निकालकर विभिन्न जगहों पर मेला का भी आयोजन किया जाता है।
आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत विभिन्न संप्रदाय के सभी धर्मगुरुओं, सम्भ्रान्त व्यक्तियों एवं भारत के प्रतिष्ठित नागरिकों एवं समाज के लोगों से अपील करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान ने कहा आगामी त्यौहारों नाग पंचमी, मुहर्रम, रक्षाबंधन एवं श्रावण मास, कांवड़ यात्रा, को स्वच्छ वातावरण एवं शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए विभिन्न संप्रदाय के धर्मगुरुओं, एवं जनपद के प्रतिष्ठित नागरिकों से हमारी अपील हैं कि पवित्र मोहर्रम का पर्व गम का प्रतीक हैं। हजरत इमाम हुसैन साहब की सहादत की याद में इसे सादगी एव अकीदत के साथ शौहार्द भरे वातावरण में भाईचारे से मिलजुल कर मनाया जाता हैं। सभी त्यौहार शौहार्द भरे वातावरण में अमन-चैन, शांति, प्रेम एवं भाईचारे के साथ मिलजुल कर मनाएं क्योकि हमारे जनपद में भाईचारे एवं गंगा जमुनी तहजीब का गौरवशाली इतिहास रहा है, हमारे आगरा में हर पर्व त्यौहार मिलजुल कर सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाए जाने की परंपरा रही है। सभी लोग उसी परंपरा को कायम रखें। उन्होंने शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में पर्व मनाए जाने को लेकर अपील करते हुए कहा कि जिले का इतिहास शांति सौहार्दपूर्ण भाईचारे का रहा है। अब तक सभी समुदाय के लोग सभी पर्वों को शांतिपूर्वक मनाने में अपना योगदान देते रहे हैं। ऐसे में आगामी मोहर्रम पर्व भी शांतिपूर्ण संपन्न हों। इसके लिए सभी लोग एकजुट होकर प्रयास करें। साथ ही बिना लाईसेंस के मेला का आयोजन, डीजे, पटाखा एवं हथियार प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रखा गया है। ताजिया जुलुस के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के ताजिया जुलुस नहीं निकाली जाय। जुलुस के लिए जारी किये गये लाइसेंस में जुलुस का मार्ग, समयावधि निर्धारित रहेगा, जिसका अनुपालन करना होगा। जुलुस में आग्नेयशास्त्र का प्रदर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही डीजे प्रतिबंधित है, केवल लाउडस्पीकर की अनुमति रहेगी, लेकिन इसके लिए अनुमण्डल पदाधिकारी की अनुमति जरूरी होगी। जुलुस का विडियोग्राफी करानी होगी।
श्री खान ने आगामी पवित्र मुहर्रम त्योहार के मद्देनजर लोगों को जागरुक करते हुए आगे कहा कि बीते दिनों हुई हाथरस की ह्रदयविदारक घटना के मद्देनजर साबधानी के दृष्टिगत आगामी त्यौहारों को लेकर शासन – प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर रहे और ताजिया रखने और निकालने को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। हातात-ए-पेशे नजर पर्व को मानने को लेकर जो सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी हुई है, उसकी हमें पालन करने की कोशिश करनी होगी, जिससे मौजूदा जिला प्रशासन और किसी अन्य समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचने और दिक्कतों का सामना न करना पड़े। ऐसे में हमें मिलजुल कर अमन शांति से बिना किसी जोर जबरदस्ती के साथ अपने त्योहार को मनाने की जरूरत है। क्योकि जिस बाग का माली ना हो यह बाग, बाग नहीं रहता, ऐसे में हम अपने युवा पौड़ी नौजवान वर्ग के युवाओं को मौजूदा हालात के मद्देनजर समझाकर, जागरुक करते हुए त्योहार मनाने के लिए सवक देने की सख्त जरूरत है। इसलिए आगामी सभी त्योहारों पर कोई भी नई परंपरा त्यौहार में ना डाली जाए और जिन रूटों से पूर्व में कांवड़ यात्रा व ताजिया निकलती रही है, उन रूटों से ही कावड़ यात्रा व ताजिया निकाले अनावश्यक रूप से कोई नई परंपरा ना डालें। ताजियेदार किसी भी नई परंपरा का प्रयोग न करके शांतिपूर्ण ढंग के ताजिया का जुलूस निकलने वाले परम्परागत रास्तो से अलम व ताजिये के जुलुस निकाले, कोई नई परम्परा न डाले, जिससे व्यवधान पैदा हो। सभी ताजिया की ऊंचाई 08 से 10 फिट यानी पहले के ही बराबर रखे तथा कोई फेरबदल न करे और पूर्व से निर्धारित मार्गो से ही जुलुस निकाले तथा कोई नयी परम्परा न डाले जिससे माहौल में खलल पड़े। उन्होंने ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आप सभी लोग जोश में होश न खोये एव बुजुर्गों की सलाह पर ही त्यौहार को मनाये। अलम एव ताजियों का जुलूस निध् र्गारित मार्गो से ही निकाले तथा सकारात्मक सोच के साथ ही पर्व को मनाये तथा स्वयं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करे क्योंकि अमन चेन बनाये रखने में आप सभी लोगो की बड़ी भूमिका होती है। सभी लोग पुलिस का सहयोग करे। पुलिस आप लोगो के सहयोग के लिए हर समय मौजूद हैं। उन्होंने लोगो को सचेत करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर कोई भी भड़काऊ पोस्ट ना डालें, यदि किसी ने महौल को खराब करने की कोशिश की तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। बिना कोई नई परम्परा डाले हुये पूर्व की भांति त्यौहार मनाऐं और पुलिस एवं प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जा रही हैं। यदि किसी प्रकार अफवाह या भ्रान्ति फैलाई जाती है तो तत्काल कार्यवाही होंगी। इसलिए किसी तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना है। शासन की गाइडलाइंस का पालन करें। बारह फिट से अधिक ताजिये नहीं होने चाहिए। मोहर्रम के दौरान सामाजिक तत्वों पर पुलिस प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। कोई भी ऐसा कार्य ना करें जिससे किसी दूसरे की भावना को ठेस पहुंचे। पुलिस की नजर सोशल मीडिया पर विशेष तौर पर रहेगी तथा सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आगामी पर्व के अवसर पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुख्ता व्यवस्था रहेगी। सभी चिन्हित एवं संवेदनशील स्थानों, चौक चौराहों पर दण्डाधिकारी एवं पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति रहेगी। सोशल मीडिया पर नजर रखी जायेगी। इसके लिए साईबर सेल एक्टीव रहेगा। उपद्रवी एवं असमाजिक तत्त्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई तय मानी जाय। अफवाह फैलाने वाले भी नहीं बचेंगे। उन्होने कहा कि सामप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कंन्टेंट को फॉरवर्ड करने से बचा जाय। निर्धारित रूट से ही जुलुस की अनुमति रहेगी। किसी भी परिस्थिति में रूट चेंज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ड्रोन के द्वारा विडियाग्राफी करायी जाएगी एवं उचें भवनों पर नजर रखी जाएगी। नशा एवं मादक पदार्थों का सेवन कर जुलुस में चलने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसलिए हमारा सभी से पुनः विनम्र निवेदन हैं कि सभी त्यौहार शौहार्द भरे वातावरण में अमन-चैन, शांति, प्रेम एवं भाईचारे के साथ मिलजुल कर मनाएं।