
नैमिष टुडे/तम्बोर सीतापुर विद्युत उपखण्ड अधिकारी की आख्या के आधार पर रेउसा पुलिस ने जांच पूरी कर दी, जबकि पीड़ित के पास साक्ष्य होने के बावजूद पुलिस ने भारी लापरवाही व मनमाने ढंग से मामले का निस्तारण किया है, जबकि पीड़ित ऑपरेटर के पास अवर अभियंता के द्वारा की गई अवैध वसूली से सम्बंधित पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं, जिनको पुलिस ने हरे नोटों के आगे अनदेखा कर दिया। मामला यहीं नहीं खत्म होता है, कुछ समय पहले क्षेत्रीय विधायक ज्ञान तिवारी के लेटर पैड पर आरोपी जेई व एसडीओ ने आख्या लगाई कि उक्त ऑपरेटर राजस्व वसूली का कार्य पूरी लगन व निष्ठा से करते हैं, इसके बावजूद पीड़ित को बिना कोई नोटिस व आदेश के लापरवाही बरतने की वजह से निष्कासित कर दिया। निष्काषित होने के बावजूद भी पीड़ित को वेतन मिलता रहा और लगातार उपस्थित रहा। इससे ज्ञात होता है कि विद्युत उपखण्ड अधिकारी रेउसा शुभम शर्मा, अवर अभियंता संतोष कुमार व थाना प्रभारी घनश्याम राम की मिलीभगत व कार्य के प्रति संवेदनशील न होना दर्शाता है, जिसमे गलत साक्ष्य प्रस्तुत करना, उच्चाधिकारी को गुमराह आदि शामिल हैं।
क्राशर
पूरे प्रकरण की जांच की गई, जांच में अवर अभियंता रेउसा संतोष कुमार प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए, जिसकी अलग से रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल सीतापुर को विभागीय कार्यवाही हेतु भेजी गई है
-शिखा शुक्ला उपजिलाधिकारी महमूदाबाद।