शुभ करनमौर्य /नैमिष टुडे संबाददाता/ तम्बोर सीतापुर
शिकायत करने पर 85 किलोमीटर दूर किया गया स्थानांतरण
पांच संविदा कर्मचारी किए गए थे निष्कासित जिसमें से तीन संविदा कर्मचारियों को उसी उपकेंद्र पर कराया गया ज्वाइन
एसडीओ, जेई व पुलिस के कार्यशैली में भारी झोल
निष्काषित ऑपरेटर को मिलता रहा वेतन जेई ने नौकरी वापस दिलाने के बदले की अवैध वसूली। खाते व नकदी समेत लिए 40 हजार रुपये। पीड़ित ने मुख्यमंत्री से जनसुनवाई के माध्यम से की थी शिकायत। जिलाधिकारी सीतापुर ने मामले को संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी महमूदाबाद को जांच के आदेश दिए थे। जांच में जेई पर आरोप सिद्ध।
थाना क्षेत्र तंबौर, विकास क्षेत्र बेहटा के अंतर्गत ग्राम सीकरी निवासी प्रदीप कुमार अवस्थी विद्युत उपखण्ड रेउसा में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। इसी दौरान विगत 13 अगस्त को अवर अभियंता रेउसा संतोष कुमार ने मौखिक रूप से बताया कि आपको कम्पनी ने नौकरी से निकाल दिया है। जिसके बाद पुनः नौकरी पर रखने के बदले में अवर अभियंता संतोष कुमार ने 50 हजार रुपये की मांग की। जिसके बाद पीड़ित ने 10 हजार नकद व यूपीआई के माध्यम से 30 हजार रुपये खाते से ट्रांसफर किये, जोकि किसी सादाब के नाम पर था। बाकी 10 हजार देने में असमर्थता जताने पर जेई ने गुस्से में आकर कहा कि अगर शेष रुपये न दिए तो नौकरी पर नहीं रखूंगा, लेनदेन की बात कहीं बताने पर झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी भी दे डाली। पीड़ित ने आईजीआरएस के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश शासन को शिकायत दर्ज कराई, जिसके आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारी सीतापुर ने उपजिलाधिकारी महमूदाबाद को जांच सौंपी। जांच में जेई पर आरोप सिद्ध हुए। जिसके बाद उपजिलाधिकारी ने विभागीय कार्यवाही हेतु अधीक्षण अभियंता सीतापुर को जांच रिपोर्ट अग्रेषित कर दी। मामले ने नया मोड़ तब लिया जब निष्काषित ऑपरेटर की वेतन पत्रिका देखी गई, जिसमे ऑपरेटर को नौकरी से निकाले जाने के बावजूद भी उसको वेतन मिलता रहा, जिससे साबित होता है कि ऑपरेटर से अवैध वसूली करने के लिए उसको मौखित रूप से नौकरी से निकाला गया, जब ऑपरेटर ने अतिरिक्त रुपयों की मांग को नकार दिया तो उसके ऊपर नाजायज आरोप लगाकर उसको नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पूरे मामले में अधीक्षण अभियंता सीतापुर से सम्पर्क करना चाहा लेकिन घण्टी बजती रही फोन नहीं उठा।
पूर्व निष्काषित अन्य ऑपरेटरों से अवैध वसूली का बनाया दबाव
आरोपियों के हौसले बुलन्द अभी तक नही हुई कार्यवाही आखिर किसका प्राप्त है संरक्षण आरोपित जेई ने पहले से निष्काषित ऑपरेटरों को पुनः नौकरी पर रखने के लिए 50 हजार प्रति ऑपरेटर के हिसाब से वसूलकर देने का पीड़ित पर दबाव बनाया। पीड़ित ने जब असमर्थता जताई तो बदले में कहीं भी नौकरी के लायक न रखने की धमकी भी दी।
ज्ञान तिवारी के लेटर पैड की हुई अनदेखी
पुलिस व एसडीओ की सांठगांठ के चलते नहीं हुई जांच