जलभराव और कीचड़ से लोगों खासकर महिलाओं और बच्चों का राह निकलना दूभर
नैमिष टुडे
अभिषेक शुक्ला
सीतापुर जनपद में मौसमी बरसात ने मिश्रित तीर्थ नगर को पूरी तरह से नारकीय वातावरण में जकड़ दिया है मार्गो पर हुये जलभराव और कीचड़ से लोगों खासकर महिलाओंऔर बच्चों का राह निकलना दूभर होकर रह गया है। मजेदार बात तो यह है कि हल्की बरसात होने पर ही तहसील गेट जब जलभराव की चपेट में आ जाता है तो कस्बे का आलम क्या होगा सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कारण यह है कि जल निकासी के लिये बने नाले और नालियां पूरी तरह अतिक्रमण की चपेट में आकर गंदगी आदि से अवरोधित हो चुकी हैं जिससे बरसाती पानी तालाबों आदि तक जा ही नहीं पारहा और हल्की बरसात में ही मार्गो पर जलभराव हो जाना मिश्रित कस्बे में एक आम बात हो कर रह गई है। बताते चलें कि तहसील गेट पर हुए जलभराव का पानी सोकने के लिये नगर पालिका परिषद की टैंक युक्त मशीन बुलाकर आज तहसील प्रशासन ने गेट के जलभराव को तो समाप्त करा दिया लेकिन अगर आज फिर बरसात हो गई तो फिर गेट पर जलभराव हो जायेगा क्या मशीन निरन्तर गेट पर खड़ा कराने की व्यवस्था तहसील प्रशासन द्वारा की जायेगी जिससे तहसील गेट जलभराव की चपेट में न आने पाये और दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले वाद कारी तथा अन्य जरूरतमन्द समस्या ग्रस्त लोग सकुशल तहसील परिसर में अवागमन कर सके,इस बाबत नगर के जागरूक लोगों का कहना है कि बरसात होने के बाद क्या तहसील प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी अपने-अपने वाहनों को छोड़कर तहसील मुख्यालय के सामने से नगर पालिका कार्यालय के सामने तक पैदल जाकर निरीक्षण कर सकते हैं जिस मार्ग पर यहां के नागरिकों को रोजाना नारकीय माहौल में निकलने पर मजबूर होना पड़ता हैं,जो देश के प्रधानमंत्री द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहा है।