सहायक विकास अधिकारी(पंचायत)सकरन के कारनामों का मामला ताजा,कोई नहीं जानता कौन सा फूंकते हैं गांजा।

 

जिम्मेदार सहायक विकास अधिकारी द्वारा डीपीआरओ को लिखा गया गैर जिम्मेदाराना पत्र बना चर्चा का विषय।

सकरन/सीतापुर:विकास खंड सकरन अपने अजीबो गरीब कारनामों के लिए जिले में सदैव चर्चा में बना रहने वाला ब्लॉक है।इसी परिपाटी को निभाते हुए एडीओ(पंचायत) सकरन ने भी एक कारनामा कर दिखाया और आ गए चर्चा में।मामला ग्राम पंचायत कोंसर का है जहाँ के ग्रामीणों व ग्राम प्रधान ने लिखित रूप में ग्राम पंचायत में तैनात सफाईकर्मचारी के द्वारा सफाई न करने के संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी सीतापुर को जनसुनवाई के माध्यम से शिकायत की थी।जिसकी जांच उस कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी से करवाई गई जिसके घोटालों के बड़े बड़े राज क्षेत्र में दफन हैं,जिनके काले चिट्ठों को तमाम समाचार पत्रों ने प्रकाशित भी किया है जिसे संज्ञान लेकर एक संगठन के द्वारा स्पष्ट जांच के लिए खण्ड विकास अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया है।उन्हीं जिम्मेदार सचिव महोदय ने जांच आख्या को माफीनामा के तौर पर शिकायत निस्तारित कर दी और इस आश्वासन के साथ माफीनामा पेश करवा दिया कि कोई पदासीन कर्मचारी अपनी ड्यूटी वर्तमान में न निभाकर वेतन निकाल ले और ड्यूटी भविष्य में की ही जाएगी इस आशय के साथ कि 40 हजार वेतन सरकार खैरात में देती ही है पर अफसोस जांच आख्या लगाने वाले सचिव से तो चार कदम आगे निकले जिले को पत्र प्रेषित करने वाले सहायक विकास अधिकारी(पंचायत)जिन्होंने पूरा शिकायती खेल ही गुड़ गोबर कर दिया,शिकायतकर्ता कोंसर निवासियों को ग्राम पंचायत महराजनगर का दर्शाकर पूरा खाता बही ही चट कर गए।
विचारणीय तब ये और हो जाता जब ऐसे गैर जिम्मेदार अफसरान होंगे ब्लॉक में, जो एक तो किसी रिपोर्टर और न ही जनप्रतिनिधि का फोन ही उठाते और न ही आमजनमानस से मुखातिब ही होते और जो होते भी हैं तो आंख कान बंद कर बस गुलाबी रंग के तलाश में ही रहते हैं।मामला चाहे सफाईकर्मचारियों की ग्राम पंचायतों में साफ सफाई में हीलाहवाली का हो चाहे मुख्यमंत्री आवासों में अपात्रों को आवास देकर मोटी रकम हड़पने का या सामुदायिक शौचालय केअर टेकरों के द्वारा महाघोटाले को अंजाम दिलवाने का या फर्जी तरीके से नाली,खड़ंजों,कैमरों इत्यादि के नाम पर लाखों डकारने का।जाँच आख्याए और प्रेषित पत्र ऐसे ही दिन रात बस कागज की बर्बादी कर खानापूर्ति करते हुए उच्चाधिकारियों की आंख में धूल झोंकने का काम जारी रहेगा पर उम्मीद है इस संवेदनहीन विषय पर कुम्भकर्णी प्रशासन की आंखे अवश्य खुलेंगी और गैर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाई भी होगी।

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