हृदय में प्रभु विराजमान श्रीराम

 

संवाददाता

महमूदाबाद, सीतापुर
जिसके हृदय में प्रभु विराजमान हैं वहां विकारों का कोई स्थान नहीं है। अहंकारढ हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। जो हमें परमात्मा से तो दूर करता है। जब तक परमात्मा का वास हमारे हृदय में है कोई भी विकार हमारे निकट नहीं आ सकता। श्रीराम की कथा ही राष्ट्र की कथा है। जिस देश का प्रधानमंत्री साधक हो, जिस देश के सपूत सदैव देश की रक्षा में गंभीर प्रहरी की भांति निरंतर अडिग रहें वह देश निरंतर विश्वगुरु के रूप में आगे बढ़ता रहेगा। वहां सनातन धर्म का सदैव बोलबाला रहेगा।
श्री संकटा देवी धाम में आयोजित संगीतमयी श्रीराम कथा के तीसरे दिन अंतर्राष्ट्रीय कथाव्यास देवी रिचा मिश्रा ने उक्त बातें श्रद्धालुओं के मध्य यह कही। उन्होंने कहा कि जब हम अपने जीवन के प्रत्येक काम को परमात्मा पर छोड़ देंगे तो वह अवश्य ही हमारे लिए जो उचित होगा वही करेंगे। हमे केवल आस्था और विश्वास की डोर को थामे रखना है। यह डोर ढीली हुई कि प्रभु हमसे दूर हुए। इस संसार में समय सबसे अधिक कीमती समय है। यदि मनुष्य समय की कीमत नही समझता तो समय भी मनुष्य को अपनी कीमत बता देता है। हम अपने माता पिता और गुरु को तो मानते है परंतु उनकी बातों को नही मानते। भक्ति का अंकुर सत्साहित्य और सत्संगति से ही पुष्पित और पल्लवित होता है। मनुष्यों को अपने विचार एकत्रित कर ईश्वर को समर्पित कर देना चाहिए। भक्ति और सत्संग के द्वारा भक्त को भगवान से मिलने पर कोई भी नहीं रोक सकता। कथा का रसपान कराते हुए श्री रामचरितमानस से जुड़े अनेक प्रसंग सुनाकर भक्तों को कथा का रसपान कराया। संगीतमयी श्रीराम कथा के दौरान विधानसभा कुर्सी के विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा, जूट व सन सघं के अध्यक्ष चंद्रकुमार मिश्र बापू, मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, शरद मिश्र, डॉ ए मणि मिश्रा, राजाराम यादव, केके सिंह, रामकुमार वर्मा, ज्ञानेंद्र प्रताप वर्मा, प्राची दीक्षित, वागीश दिनकर, हरीश मिश्र, विजय जायसवाल, आशा दुबे, उर्मिला रस्तोगी, अजय जायसवाल, विद्युत जैन, मुकेश पोद्दार, सरोज शुक्ल, मनोज शुक्ल, हरिओम गुप्त, शिवम विक्रांत, राजेंद्र राजपूत, सोनी जायसवाल, रवींद्र यादव, अतुल चित्रांश, राजकुमार वर्मा सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहे। संचालन डॉ. रजनीश मिश्र ने किया।

मूर्तियों को विधि-विधान से कराया गया जलाधिवास (इनसेट)
मां संकटा देवी धाम में चल रहे श्री शतचंडी महायज्ञ के तीसरे दिन यज्ञाचार्य पंडित अखिलेश चंद्र शास्त्री, अशोक शास्त्री, कन्हैयालाल मिश्र, आचार्य गंगा सहाय, शेषमणि मिश्र, शशिकांत सहित अन्य आचार्यों के साथ पूर्व आवाहित देवताओं का पूजन एवं मंडप में नवग्रह मंडल, 64 योगिनी, वास्तु देवता, क्षेत्र देवता, द्वादश ज्योतिर्लिंग मंडल, सर्वतरे भद्र मंडल सहित अन्य देवी देवताओं के आवाहन के साथ पूजन किया। तत्पश्चात अरणीमंथन के द्वारा अग्नि प्राकट्य के साथ हवन प्रारंभ हुआ। नवनिर्मित मंदिरों में स्थापित होने वाली देव प्रतिमाओं को मंगलवार को विधिवत पूजन-अर्चन के बाद जलाधिवास कराया गया। बुधवार को 33 कोटि देवी-देवताओं के पूजन-अर्चन के साथ रुद्राभिषेक हवन एवं प्रतिमाओं को अन्नाधिवास कराया जायेगा। श्री शतचंडी महायज्ञ में मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, किरन वाजपेयी, आंजनेय आशीष वाजपेयी, आरजे वर्मा, सुशीला वर्मा, शशांक वर्मा, शिवानी वर्मा, चंद्रकांत रस्तोगी, रिचा रस्तोगी, शशिकांत रस्तोगी, सोनम रस्तोगी, पीयूष वर्मा, ज्योति वर्मा ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।

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