सीतापुर मेंं सैकड़ों अवैध हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर चल रहे हैं. कोई अस्पताल दो कमरे में चल रहा है तो कोई किराए के मकान में इनमें ज्यादातर में झोलाछाप इलाज के नाम पर मरीजों से वसूली कर रहे हैं. शहर में संचालित अवैध अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ नर्स नहीं होती हैं और न ही ट्रेड टेक्नीशियन रखे जाते हैं. इस तरह के अस्पतालों में लापरवाही की हद तो यह है कि आयुर्वेदिक स्नातक की डिग्री पर चिकित्सक गंभीर अवस्था के मरीजों का सीजर ऑपरेशन करते हैं. ऑपरेशन टेबल पर मरीजों का केस बिगड़ने पर बाहर से प्रशिक्षित चिकित्सकों को बुलाया जाता है.
जिले में अवैध रूप से चलाए जा रहे नर्सिग होम व अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग का शिकंजा नहीं कसने से मानकों को ताक पर रखकर चलाए जाने वाले अवैध अस्पतालों के संचालको के हौसले बुलंद है. बिना रजिस्ट्रेशन व सुविधाओं के चल रहे अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी है।