नगर पालिका परिषद मिश्रित नैमिषारण्य में गुप चुप तरीके से हुई पालिका वोर्ड की पहली बैठक ।

नगर पालिका परिषद मिश्रित नैमिषारण्य में गुप चुप तरीके से हुई पालिका वोर्ड की पहली बैठक ।

मीडिया प्रतिनिधियों व नगर के गणमान्य लोगों को इस बैठक से रखा गया दूर ।

मिश्रिख सीतापुर / बीते दिवस नगर पालिका परिषद मिश्रित नैमिषारण्य में हुई पहली पालिका बोर्ड की बैठक गुप चुप तरीके से करके खानापूर्ति कर ली गई है । इस बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक रामकृष्ण भार्गव ने भी प्रतिभाग किया । और बैठक में मीडिया प्रतिनिधियों और नगर के गण मान्य लोगों की अनुपस्थिती को देखकर नाराजगी जाहिर की । तथा कड़े शब्दो में कहा कि बीते कार्य काल की तरह इस बार भ्रष्टचार कतई बर्दास्त नही किया जाएगा । आयोजित बैठक में नव निर्वाचित चेयरमैन के प्रतिनिधि ने पहले से ही फरमान जारी कर दिया था । कि नगर पालिका परिषद के गणमान्य व्यक्तियों और भाजपा कार्यकर्ताओं को सम्मिलित नहीं किया जाएगा । अगर उनको बैठक में बुलाया जाता तो वह नगर की बिभिन्न समस्या से अवगत कराते । इस वजह से उनको बैठक में प्रतिभाग करने का मौका नही दिया गया । इतना ही नही चेयरमैन के प्रतिनिधि द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों को भी इस बैठक से दूर रखा गया । ताकि बैठक का मांमला सार्वजनिक न होने पाए । स्थानीय लोग असमंजस में है । कि जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी ऐसी महत्वपूर्ण बैठकों में मीडिया प्रतिनिधियों को पहले से अवगत कराकर आमंत्रित करते हैं । ताकि बैठक में होने वाली चर्चा और प्रस्तावों को आम जनता तक के बीच साझा किया जा सके । आम जनता का सवाल है । कि आखिर इस पालिका बोर्ड बैठक में ऐसा क्या था । जो सिर्फ 25 वार्डों के 25 सभासद और नवनिर्वाचित चेयरमैन मुन्नी देवी एवं उनके प्रतिनिधि तथा मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक को ही शामिल किया गया । लोगों के मन में सवाल उठने लगा है । कि नगर के विकास को लेकर यहां की आम जनता ने सभी दलों को नकार कर निर्दलीय प्रत्यासी मुन्नी देवी के सर पर जीत का सेहरा बांध दिया है । परंतु उन्होने अभी से अपने प्रतिनिधि के इशारे पर रंग बदलना शुरू कर दिया है । जो यहां की जनता को अखरने लगा हैं । जनता के मन में सवाल उठ रहा है । कि यह नगरपालिका हमेशा से घोटालों को लेकर चर्चा में रही है । अभी हाल ही में शासन द्वारा भारत स्वच्छता मिशन के नाम पर भेजी गई 50 लाख रुपए की सरकारी धनराशि निवर्तमान अधिशासी अधिकारी आरपी सिंह व बड़े बाबू एवं कंप्यूटर आपरेटर ने नगर में बिना कोई कार्य कराए ही हजम कर ली थी । मांमला उजागर होने पर जांच के बाद जिलाधिकारी ने उन पर अपराध पंजीकृत कराकर जेल भेजने की कार्यवाही की थी । आम जनता के मन में यह सवाल है । कहीं ऐसा तो नहीं कि नवनिर्वाचित चेयरमैन और उनके प्रतिनिधि निवर्तमान अधिशासी अधिकारी के ही पद चिन्हों पर चलने का प्रयास तो नहीं कर रहे हैं । यह तो आने वाले समय के साथ ही स्पष्ट होगा ।

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