
मित्र वही जो दिल से निभाए मित्रता जैसे सुदामा :- आचार्य
ऋषभ दुबे नैमिष टुडे
तालग्राम,कन्नौज गुरुवार को क्षेत्र के कुशलपुर्वा गाँव मे बाबा ब्रह्मदेव के स्थान पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य प्रताप भारद्वाज ने भक्तों को सुदामा चरित्र, उद्धव संवाद, विष्णु सहस्त्रनाम और गोतर्पण की कथा सुनाई। कथा व्यास आचार्य प्रताप भारद्वाज कहा कि जब उद्धव गोपियों को ज्ञान का संदेश देने जाते हैं, तो गोपियां कहती हैं कि हे उद्धव हमारे पास एक मन है। इसमें हमारा कृष्ण विराजमान है फिर इसमें ज्ञान कहां से समा सकता है। इसके बाद में गोपियों ने ‘ऊधो मन न भए दस बीस, एक हो सो गयो श्याम संग’ कहकर उद्धव को वापस भेज दिया। इसके बाद महाराज ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाई। कथा सुनाकर भक्त भाव विभोर हो गए। इसके बाद में विष्णु सहस्त्रनाम की महिमा का सुंदर वर्णन किया। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिशाल पेश की। समाज में समानता का संदेश दिया। कहा कि गोपियों की कृष्ण के प्रति जो अनुरक्ति व भक्ति थी, वह निष्काम थी। इसलिए कृष्ण के मन में भी गोपियों के प्रति उतना ही अनुराग का भाव था। सुदामा गरीब कदापि नहीं थे। जिस प्रकार की दीन दशा का वर्णन मिलता है, वह मात्र उनका संतोष था। भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मनमोहक झांकी के दर्शन किए और पुष्प वर्षा करके स्वागत किया वही मौके पर प्रधान तोताराम शर्मा,परशुराम शर्मा,सरोज,पप्पू केरल,विश्राम सिंह राठौर,राजबहादुर प्रजापति,सुधीर शर्मा,नरेश ठाकुर,सौरभ राठौर,प्रदीप चक, रामरक्ष्हपाल,राजेश प्रजापति, आदि भक्त मैजूद रहे। और उन्होंने बताया शुक्रवार को सुबह सात बजे विशाल यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। पूर्णाहुति एवं हवन सुबह आठ बजे होगा।