
शासन-प्रशासन के आदेशों की धज्जियाँ उडाते हुये एडीए अमीन ने बिना पूर्व नोटिस व विधिक प्रकिया के गिरा दिये मकान
आगरा। मौजा बसई मु० बाग खिन्नी पर घनी गाटा सं0 1279ए एडीए अमीन होतम सिंह कुशवाहा द्वारा निर्मित घने मकानों पर बिना विधिक प्रकिया के आगरा का बहुचर्चित माईथान काण्ड दोहराने का आरोप है। पूरा मामला फोटो एवं वीडियो सहित सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। एडीए अमीन पर शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ने का आरोप लगाया गया है। दरअसल पूरा मामला बाग खिन्नी महल के अन्तर्गत मौजा बसई मु० खसरा सं0 1279 ए की घनी आबादी के अन्तर्गत मकानों में निर्मित थी जिस सम्बन्ध में आगरा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक दिनांक 14.12.2005 मद सं0 31 पर उपसमिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट दिनांक 09.03.2006 पर सहमति प्रकट करते हुये समिति की स्थल निरीक्षण आख्या दिनांक 09.03.2006 व बोर्ड बैठक दिनांक 14.12.2005 मद सं0 13 में मुख्य तथ्य यहीं हैं। इन नम्बरों पर घनी आबादी का निर्माण हो जाने से व इन निर्मित मकानों में घनी आबादी बस जाने से धुवस्ती करण प्रक्रिया को व्यावहारिक नहीं माना गया है इसलिए इन निर्माण के इर्द-गिर्द हुए विकास का विकास शुल्क लेकर इनको समायोजन मुक्त किए जाने का निर्णय बोर्ड बैठक में लिया गया था जो आज दिनांक को भी प्रभारी है उक्त संबंध में श्रीमान प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन ने दिनांक 23 10 2013 द्वारा उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण आगरा को आदेशित करते हुए उक्त भूमि की गाथाओं पर निर्मित मकान से लोगों को बेदखल न करने हेतु आदेश जारी किए गए हैं। उक्त आदेश के बाद पुनः श्रीमान प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग 3 उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपने पत्र दिनांक 31 8 2018 से उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण आगरा को उक्त भूमि पर निर्मित मकान के समायोजन प्रक्रिया के तहत विकास शुल्क को जमा कराए जाने हेतु आदेश जारी किए गए हैं। आज दिनांक तक उक्त गाता पर निर्मित मकानों को तोड़े जाने हेतु कोई भी आदेश शासन व जिला प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया है।
इस दौरान प्रार्थी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि आगरा विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय अमीन होतम सिंह कुशवाहा द्वारा उक्त निर्मित मकानों को अवैध बताते हुए मोटी रकम की मांग की गई थी मोटी रकम अदना किए जाने की दशा में होतम सिंह कुशवाहा द्वारा बिना किसी पूर्व नोटिस जारी किए ना ही कोई सूचना की कार्रवाई के उक्त निर्मित मकान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है। अब देखना यह होगा कि क्या इस अमीन के खिलाफ कोई कार्रवाई अधिकारियों द्वारा की जाएगी या यह अपनी मनमानी करता रहेगा।