मिश्रित के सीताकुंड तीर्थ पर विराजमान नर्मदेश्वर महादेव सभी की मनोकामना करते है पूर्ण ।
मिश्रित सीतापुर / महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि पर नगर पालिका कार्यालय के ठीक सामने स्थित प्राचीन सीताकुंड तीर्थ के पश्चिम छोर पर स्थापित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर दू दूर तक अपनी अनंत महिमाओं के लिए प्रख्यात है । इस मंदिर पर जो शिव भक्त अपनी मनोकामना लेकर आता है । वह कभी खाली हाथ नहीं जाता । इस प्रचीन मंदिर के विषय में यहां के बुजुर्ग बताते है । कि त्रेता युग में भगवान राम ने जब माता सीता जी को घर से निकाल दिया था । तो माता सीता जी यहां पर स्थित प्राचीन महर्षि बाल्मीकि आश्रम में काफी समय तक निवास किया था । माता सीता जी इस तीर्थ कुंड तीर्थ में प्रति दिन स्नान करते करने जाती थी । स्नान के दौरान उन्हें इस तीर्थ में एक शिवलिंग प्राप्त हुआ था । इस दिब्य शिव लिंग को उन्होंने इस तीर्थ के पश्चिम छोर पर स्थापित कर दिया था । और उनका नर्मदेश्वर महादेव का नामकरण करते हुए प्रति दिन पूजा अर्चना करने लगी । तभी से यह शिवलिंग नर्मदेश्वर महादेव के नाम से अपनी अनंत महिमाओ के लिए प्रख्यात है । शिव भक्तों की माने तो यह शिवलिंग दिन में तीन बार अलग-अलग स्वरूपों को रंग बदलकर आज भी अपने भक्तों को दर्शन देता है । वर्तमान समय श्रावण मांह चल रहा है । इस मंदिर पर सैकड़ों शिव भक्त प्रति दिन रामायण पाठ रुद्राभिषेक , जलाभिषेक , दुग्धाभिषेक आदि अनुष्ठान कराकर नर्मदेश्वर महादेव की अनुकम्पा प्राप्त कर रहे है ।
मंदिर के पुजारी विद्याधर दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया है । कि यह त्रेतायुग का प्राचीन शिवलिंग है । जिसे माता सीता जी द्वारा अपने हाथों से स्थापित किया गया है । यहां पर आने वाले भक्त शिव भक्त कभी निराश नहीं होते हैं । नर्मदेश्वर महादेव उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ।