मिश्रित तहसील कार्यालयों और पटलों पर कार्य कर रहे हैं खुलेआम प्राइवेट कर्मचारी-जिलाधिकारी का निर्देश बेअसर
अभिषेक शुक्ला
सीतापुर जनपद मे जिला अधिकारी का निर्देश होने के बाद भी मिश्रित तहसील के विभिन्न कार्यालयों एवं पटलो पर गैर सरकारी कर्मचारी बाहरी व्यक्तियों के कार्य करने में कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है तहसील प्रशासन की दूषित नीतियां कमाऊ पूत बने इन गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए वरदान बनी हुई है। ज्ञातव्य हो कि मिश्रित तहसील के सभी कार्यालयों से लेकर प्रत्येक पटल पर गैर सरकारी कर्मचारियों की भरमार बनी हुई है तहसील के एक अधिवक्ता रवि कुमार ने तहसीलदार कार्यालय में एक वादकारी के मामले में नकल के लिए बीते 2 मार्च को आवेदन किया था जो प्रतिलिपि रजिस्टर के क्रमांक 44 पर दर्ज है इसके अलावा इसी अधिवक्ता ने एक अन्य वाद में भी 21 मार्च को नकल के लिये आवेदन किया जो सम्बन्धित रजिस्टर के क्रमांक नंबर 55 पर दर्ज है। शिकायत इस बात की है कि नकल बाबू द्वारा अभी तक दोनों मामलों में नकल जारी नहीं की गई है आरोप तो यहां तक है कि तहसीलदार कार्यालय में नियुक्त नकल बाबू ने अपना कार्य करने के लिए रविशंकर नाम के एक प्राइवेट कर्मचारी को लगा रखा है जो अभिलेखों में हेरफेर करने में माहिर बताया जाता है। मामले में अधिवक्ता रवि कुमार सहित विनोद कुमार,जय प्रकाश शुक्ला,रामगोपाल,ब्रजराज सहित कुल 15 अधिवक्ताओं ने जिला अधिकारी को भेजे गए शिकायती पत्र में संयुक्त रूप से अपने हस्ताक्षर बनाये हैं। बताते चलें कि जनपद के जिला अधिकारी ने बीते 15 जून 2022 को जिले की सभी तहसीलों में कार्यरत उपजिलाधिकारियों और तहसीलदारों को एक पत्र जारी करके लेखपाल,राजस्व निरीक्षकको के साथ ही नायब तहसीलदार,तहसीलदार, उपजिलाधिकारी के न्यायालयों और कार्यालयों में कार्यरत प्राइवेट व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश निर्गत करते हुए ऐसे व्यक्तियों को कार्य करते हुए पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा कर दंडात्मक कार्यवाही करने की बात कही थी लेकिन विडंबनाओं के चलते मिश्रित तहसील में जिला अधिकारी अनुज सिंह द्वारा जारी किया गया निर्देश अभी तक हवा हवाई ही बना हुआ है प्रत्येक कार्यालय और पटल पर खुलेआम बाहरी व्यक्ति कार्य करते हुए जन शोषण कर रहे हैं, जिससे वादकारियों के साथ ही अधिवक्ताओं में भी आक्रोश व्याप्त है।