राशनकार्ड बनवाने के लिए पीड़ित ने ईमेल भेजकर उप मुख्यमंत्री से की कार्रवाई की मांग
छह माह से राशनकार्ड जारी कराने के लिए पूर्ति विभाग के चक्कर लगा रही आवेदिका
अभिषेक शुक्ला
सीतापुर जनपद में जिला पूर्ति विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोगों के राशनकार्ड जारी नहीं किए जा रहे हैं जिसके कारण मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है और मुख्यमंत्री के आदेशों को अधिकारी दरकिनार कर रहे हैं।आपको बता दें आवेदक गुड़िया सिंह पत्नी रामू सिंह निवासी ग्राम पंचायत रामकोट मजरा गणेशखेड़ा ब्लॉक खैराबाद जनपद सीतापुर की रहने वाली है जिनके द्वारा अपना राशनकार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था जो पूर्ण रूप से सत्यापन के बाद एआरओ के पास विभाग में जमा किया था किन्तु 3 माह तक उनका राशनकार्ड जारी नहीं हुआ तब उन्होंने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई पोर्टल पर करीब 6 बार शिकायत दर्ज करायी और राशनकार्ड बनवाने के लिए अनुरोध किया किन्तु हर बार उनकी शिकायतों को बिना जांच के निस्तारित कर दिया है उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री सहित जिलाधिकारी सीतापुर को एक शिकायती पत्र भेजा और सीतापुर सदर तहसील स्थित पूर्ति कार्यालय में जाकर पता किया तो बताया गया है आपका डेटा पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है इसलिए पुनः ऑनलाइन आवेदन करें तो राशनकार्ड जारी करने पर विचार किया जाएगा।उन्होंने पुनः राशनकार्ड जारी किए जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया और तहसील कार्यालय में दिनाँक 25 मार्च 23 को जमा किया था जिसको करीब 3 माह फिर बीत गए हैं लेकिन राशनकार्ड जारी नहीं किया जा रहा है जबकि आवेदकों द्वारा लगातार पूर्ति विभाग कार्यालय के चक्कर लगवाया जा रहा है और आवेदकों को परेशान किया जा रहा है।इसी संबंध में एक अनुरोध पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया था उसके बाद भी राशनकार्ड नहीं बनाया जा रहा है अब पीड़ित ने जिला पूर्ति अधिकारी,मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को ईमेल भेजकर मामले में संज्ञान लेने और आवश्यक कार्रवाई कराने का अनुरोध किया है।वहीं पूर्ति अधिकारी गौरव चौधरी के मोबाइल नंबर 8707507926 पर जानकारी ली गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष नहीं मिल पाया था।वहीं
इस संबंध में गुड़िया सिंह के पति रामू सिंह ने बताया कि पूर्ति विभाग के अधिकारी 6 माह से विभाग के चक्कर लगवा रहे हैं और आज कल करके 6 माह बीत गए हैं लेकिन राशनकार्ड जारी नहीं हुआ इससे अब ऐसा लगता है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों को दरकिनार कर रहे हैं।