
हमारे साथियों के कार्य आज तक अधूरे पड़े हुए हैं
कारण यह था कि हम आपस में ही अलग हो गए थे जिस वजह से आज तक बनते हुए कार्य भी बिगड़ गए।
अब हम और पांडेय जी ने यह ठान लिया है की पुनः एक बार हम लोग मिलकर उस डूबी हुई नईया को पार लगाएंगे आप सब लोग भी आपसी मन मुटाव को त्याग दीजिए क्योंकि एकता में ही शक्ति है और उस शक्ति को हम सबको मिलकर पुनः एकत्रित करना होगा।
अभी भी कुछ नही हुआ है सब कुछ फिर वापस आ जायेगा सभी लोग संगठित रहिए आवश्यकता पड़ने पर लखनऊ पहंचिए हिम्मत बिल्कुल भी मत हारिए।