
नैमिषारण्य के तपोवन में विराजते हैं बाबा काशी विश्वनाथ
तीर्थ नगरी नैमिषारण्य में बाबा विश्वनाथ का है पौराणिक मंदिर,
नैमिषारण्य, सीतापुर, आनंद तिवारी
इन्हें बाबा विश्वेश्वर नाथ के नाम से भी जाना जाता है
88 हजार ऋषि मुनियो की पावन तपोभूमि
नैमिषारण्य तीर्थ में स्वयं काशी तीर्थ यहां विराजित है इस काशी क्षेत्र के अधिपति स्वयं बाबा काशीविश्वनाथ है। इस देवस्थान के बारे में यहाँ के प्रबन्धक पं पुरुषोत्तम शास्त्री बताते है कि जब महर्षि दधीचि ऋषि ने वृत्तासुर दैत्य के वध के लिए आवश्यक स्वयं की अस्थियों के दान देने से पहले सभी देवो व तीर्थो के दर्शन की इच्छा जताई है जिस पर देवराज इंद्र ने नैमिष तीर्थ में सभी देवो व तीर्थो को आमन्त्रित किया है तो इस स्थान पर स्वयं भगवान काशी विश्वनाथ जी का आगमन हुआ है जो उसी स्वरूप में आज भी भक्तो को दर्शन देते है मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन पूजन से बनारस ( काशी ) के काशी विश्वनाथ के बराबर पुण्य अर्जित होता है , शिवपुराण के अनुसार मान्यता है कि यहां धर्मराज की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने विश्वेश्वर स्वरूप में दर्शन दिया है तब से देवादिदेव यहां स्वयंभू रूप में प्रतिष्ठित है। मंदिर के पास ही काशी के रूप में काशीकुण्ड तीर्थ व देवी अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर है साथ ही जनकल्याण के लिए जीवित समाधि लेने वाले परमसंत आपानारायण स्वामी का समाधिस्थल है। यहां पूरे वर्ष भक्तों द्वारा दर्शन पूजन का क्रम लगा रहता है।