आखिर क्यो सीतापुर प्रशासन डाल रहा मनरेगा मजदूरों के हक पर डाका
अभिषेक शुक्ला
सिधौली सीतापुर
सीतापुर जनपद के ब्लाक कसमण्डा की ग्राम पंचायत छरासी के एक तालाब को अमृत सरोवर बनाने के लिए क्षेत्र पंचायत निधि से लगभग एक वर्ष पूर्व चयनित किया गया था और इसका शिलान्यास क्षेत्रीय सांसद सीतापुर राजेश वर्मा, क्षेत्रीय विधायक विसवा निर्मल वर्मा,ब्लाक प्रमुख कसमण्डा मुन्नी देवी ने अम्रत सरोवर के लिए चयनित तालाब पर बिधिवत पूजन अर्चना के बाद नारियल फोड़ कर तिरंगा फहराकर किया था लगभग एक वर्ष का समय ब्यतीत हो गया और कसमण्डा ब्लाक मे कार्यरत किसी अधिकारी ने अम्रत सरोवर के लिए चयनित तालाब की तरफ मुड़कर देखना मुनासिब नही समझा और ना ही अम्रत सरोवर के लिए चयनित तालाब पर क्षेत्र पंचायत निधि से कोई कार्य कराया गया जब बरसात बिल्कुल सर पर आकर खड़ी है तब अमृत सरोवर तालाब की खुदाई मनरेगा मजदूरो द्वारा न करवाकर तीन चार जे ,सी, बी मशीन से करवायी जा रही है यदि सीतापुर प्रशासन का यही आलम रहा तो मनरेगा मजदूर अपने परिवार के भरण-पोषण रोजी रोटी के लिए गांव से न चाहते हुए भी पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का मेन उदेश्य गरीब तरीके के लोगो को मनरेगा योजना के तहत गांवो मे काम मुहैय्या कराना और जल संरक्षण करके भूगर्भ का जल स्तर सुधारना था लेकिन सीतापुर प्रशासन इसके बिपरीत कार्य करने मे अपनी अहम भूमिका निभा रहा है खैर यह कोई नई बात भी नहीं है